हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
भरवारी (कौशांबी)। नगर पालिका भरवारी के अंतर्गत रोही चौराहे से मूरतगंज की ओर बन रहा नाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। निर्माण के महज चार माह बाद ही पहली बारिश में नाले की दीवारें ध्वस्त हो गईं। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, बल्कि नगर पालिका की कार्यशैली और गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नाले के निर्माण में मानकों की जमकर अनदेखी की गई। ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में थर्ड क्लास सीमेंट, घटिया किस्म की गिट्टी, खराब गुणवत्ता की बालू, और महज 2 सूत की सरिया का प्रयोग किया गया। यही नहीं, नगर पालिका अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी द्वारा कई बार निरीक्षण के बावजूद कार्य में सुधार नहीं हुआ।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पूरे प्रोजेक्ट में 40% कमीशनखोरी ने गुणवत्ता की बलि ले ली। ठेकेदार ने ईमानदारी से मेहनत तो की, लेकिन घटिया सामग्री और उच्चस्तरीय मिलीभगत के चलते नाला पहली ही बारिश में धराशायी हो गया।
स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने मामले की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक निर्माण कार्य की विफलता नहीं, बल्कि जनता के पैसे की खुली बर्बादी और भ्रष्टाचार का प्रतीक है। यदि समय रहते दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में ऐसे और भी मामले उजागर हो सकते हैं।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस पर क्या संज्ञान लेता है और क्या कोई ठोस कदम उठाया जाता है, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।