News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: जनपद की रहने वाली गीता देवी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। दोबारा पोस्टमार्टम के लिए कब्र से शव निकालने की अनुमति मिलने के बाद जब गुरुवार को कब्र खोदी गई, तो वहां न तो शव मिला और न ही उसकी कोई पहचान योग्य वस्तु। इस घटना ने पूरे मामले को और भी रहस्यमय बना दिया है, जिससे परिजनों की न्याय की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।
मूल रूप से कौशाम्बी के मकदूमपुर गांव की रहने वाली गीता देवी की शादी 13 जून 2021 को प्रयागराज के नींवा गांव निवासी राहुल प्रकाश गौतम से हुई थी। 12 दिसंबर 2024 को गीता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। SRN मर्चरी, प्रयागराज में हुए पोस्टमार्टम में मौत का कारण “Septicemic shock due to infection in both lungs” बताया गया था।
हालांकि, मृतका के पिता श्री ज्ञानचंद्र रैदास ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 24 दिसंबर को थाना धूमनगंज, प्रयागराज में धारा 80/2/8 BNS व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी के तहत उन्होंने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की थी, ताकि मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सके।
जिलाधिकारी प्रयागराज और पुलिस उपायुक्त के पत्रों के आधार पर, जिला मजिस्ट्रेट कौशांबी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 196(4) के तहत शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराने की अनुमति दी थी। इसके बाद गुरुवार को उप जिलाधिकारी चायल, पुलिस टीम और संबंधित विवेचक अधिकारी की मौजूदगी में ग्राम मैनापुर घाट, थाना पिपरी में कब्र खुदाई का काम शुरू हुआ।
न मिला शव, न मिला जवाब
करीब 10 फीट तक जेसीबी और मजदूरों की मदद से गड्ढा खोदा गया, लेकिन सभी को निराशा हाथ लगी। न तो गीता देवी का शव मिला और न ही उसकी कोई पहचान योग्य वस्तु। अंधेरा होने तक प्रशासनिक टीम मौके पर डटी रही, लेकिन अंततः उनके प्रयास विफल रहे और टीम को मायूस होकर लौटना पड़ा। इस अप्रत्याशित नतीजे से मृतका का परिवार भी बेहद हताश और आहत नजर आये।
मृतका के पिता श्री ज्ञानचंद्र रैदास ने इस स्थिति पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “जब शव यहीं दफनाया गया था, तो अब यह गायब कैसे हो सकता है? यह किसी बड़ी लापरवाही या साजिश का संकेत देता है। हमें अब न्याय की उम्मीद और भी क्षीण लग रही है।” उनके इस बयान ने प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब अगला कदम क्या होगा?
इस विफलता के बाद प्रशासनिक अधिकारी अगली रणनीति पर विचार कर रहे हैं। संभावना है कि अब मामले की वैज्ञानिक व फॉरेंसिक जांच कराई जाए, या जमीन के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएं ताकि यह पता चल सके कि शव आखिर कहां चला गया। वहीं, गीता देवी के परिजन न्याय की गुहार लगाने के लिए अब उच्चाधिकारियों और न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। यह मामला अब और भी उलझता जा रहा है, और देखना होगा कि गीता देवी को न्याय मिल पाता है या नहीं।