Breaking News in Primes

बहुचर्चित लोंहदा कांड मे युवक को मिली जमानत, BNS 66 और POCSO की धाराएं हटाईं गईं – लड़की के बयान ने खोली सच्चाई की परतें

0 23

News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशांबी:  लोहंदा गांव के चर्चित आत्महत्या कांड से जुड़े एक अहम मोड़ पर स्व. रामबाबू तिवारी के पुत्र सिद्धार्थ तिवारी उर्फ धुन्नु को न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने न सिर्फ उन्हें जमानत प्रदान की, बल्कि BNS की धारा 66 (पूर्व में 376) और POCSO एक्ट जैसी गंभीर धाराओं को भी मामले से हटा दिया गया। यह निर्णय पीड़िता द्वारा दर्ज कराए गए ताज़ा बयान के आधार पर लिया गया, जिसमें उसने स्पष्ट किया — “मैं वही कह रही हूं जो मेरी मां ने मुझसे कहा था।”

न्याय की दिशा में निर्णायक मोड़

इस बयान ने मामले की मूल सच्चाई को सामने लाने में निर्णायक भूमिका निभाई। जांच एजेंसियों ने जब इस बयान को रिकॉर्ड किया, तो यह स्पष्ट हुआ कि पूरा केस पूर्वनियोजित साजिश की संभावना से अछूता नहीं है। कोर्ट ने मामले में गंभीरता से विचार करते हुए, धारा 66 और POCSO को अप्रासंगिक माना, और सिद्धार्थ को सशर्त जमानत प्रदान की।

पिता की आत्मा को मिला सुकून, बेटे को न्याय

स्व. रामबाबू तिवारी की आत्महत्या ने शासन-प्रशासन को झकझोर दिया था। उनका आरोप था कि उनके पुत्र को झूठे मुकदमों में फंसाकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। आज जब कोर्ट ने सिद्धार्थ की बेगुनाही की दिशा में फैसला सुनाया — तो यह सिर्फ एक बेटे की मुक्ति नहीं, बल्कि एक पिता के अधूरे संघर्ष की जीत भी है।

गांव में राहत, समर्थकों में संतोष – “सत्य की जय अंततः होती है”

गांव लोहंदा और जिले भर में यह खबर जैसे एक आशा की किरण बनकर पहुँची। परिवार और शुभचिंतकों ने इसे न्याय व्यवस्था में विश्वास की पुनर्स्थापना बताया। “यह फैसला सिर्फ कानूनी राहत नहीं, एक सामाजिक शुद्धिकरण भी है,” ऐसा कहना है गांव के बुजुर्गों का।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!