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सिर्फ कानून नहीं, संवेदना भी सिखा रही है अब पुलिस कौ आईजी का ऐतिहासिक निरीक्षण

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशांबी: आज रविवार को कौशांबी में कुछ ऐसा हुआ जो पुलिस और आमजन के रिश्ते को एक नए विश्वास से जोड़ता है। भीषण गर्मी के इस मौसम में जब लोग घर से बाहर निकलने से कतराते हैं तब प्रयागराज परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अजय कुमार मिश्रा ने न केवल जिले का भ्रमण किया, बल्कि शांति, सुरक्षा और संवेदनशीलता का नया मानक भी स्थापित किया।

सलामी से शुरू  सुधार तक का सफर

पुलिस कार्यालय पहुंचते ही उन्हें सेरेमोनियल गार्ड द्वारा सलामी दी गई। यह दृश्य जितना पारंपरिक था उससे आगे की कहानी उतनी ही आधुनिक तकनीकी और जनहितकारी रही।

संवेदनशीलता को सतर्कता से जोड़िए – आईजी का संदेश

राजपत्रित अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने सिर्फ अपराध नहीं उसके पीछे छिपे सामाजिक तनावों को समझने और रोकने की बात की। उन्होंने विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर फोकस किया जहां सांप्रदायिक सद्भाव को ज़रा भी खतरा हो सकता है।

पुलिस सिर्फ डर का नहीं, भरोसे का भी नाम बने, यह उनका स्पष्ट संदेश था।

होटलों से हाईवे तक सुरक्षा का नया नक्शा शराब की दुकानों, ढाबों और होटलों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की सख्त हिदायत दी गई, एक कदम अपराध से पहले अपराधी की पहचान की ओर।

ई-गवर्नेंस अपराध पर तकनीक की सख्ती

ई-सम्मन और ई-साक्ष्य जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि डिजिटल माध्यम से मिलने वाले आदेशों को रफ्तार और असर दोनों के साथ पूरा किया जाए।ई-साक्ष्य एप्लिकेशन को शत-प्रतिशत उपयोग में लाने की अपील की गई, ताकि तकनीक भी पुलिस की ताकत बने।

वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम जहाँ हर मुद्दे की आवाज़ सुनी जाएगी

निरीक्षण के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम को संवाद का सेतु बताते हुए कहा गया कि हर थाने से जुड़ने का सबसे प्रभावी और सीधा माध्यम यही है इसका प्रयोग बढ़ाया जाए।

भर्ती अभ्यर्थियों के लिए सम्मान और सुविधा

आगामी सीधी भर्ती के अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण से पहले उनके रहने, खाने और मनोरंजन तक की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।साफ-सफाई से लेकर प्रशिक्षकों की संख्या और उपकरणों की उपलब्धता तक पर विस्तार से विचार किया गया।

हर सिपाही सिर्फ वर्दी नहीं, एक उम्मीद है

आईजी मिश्रा का दौरा यह बताता है कि अब पुलिसिंग केवल हथियार और वर्दी तक सीमित नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर से संवेदनशीलता और साक्ष्य से सटीकता तक का समन्वय है। एक नई सोच, एक नया प्रयास जहां पुलिस सिर्फ आदेश नहीं देती, दिशा भी दिखाती है।

 

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