नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: जनपद की सड़कों पर बिना तिरपाल ढके बालू से लदे ट्रक और डंफरो की आवाजाही न केवल नियमों की अनदेखी है, बल्कि आमजन की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी बनती जा रही है। खासकर तेज रफ्तार से चल रहे इन भारी वाहनों से उड़ती बालू की धूल राहगीरों और दो पहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।बीते दिनों कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मोटरसाइकिल सवारों की आंखों में उड़ती बालू पड़ जाने से उनका संतुलन बिगड़ गया और वे हादसे का शिकार होते-होते बचे। यह सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन ही नहीं बल्कि आमजन की जान जोखिम में डालने जैसा अपराध है।पुलिस और परिवहन विभाग से अपेक्षा की जा रही है कि ऐसे वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए जो बिना तिरपाल के बालू का परिवहन कर रहे हैं।
साथ ही, मेरा मानना है कि यदि पुलिस विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा एक गोष्ठी करते हुए वाहन स्वामियों को इस नियम के बारे में जागरूक किया जाए कि वे परिवहन के निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन करने के साथ -साथ तिरपाल का प्रयोग करें।जनहित में यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि सड़कें सुरक्षित बनें और अनावश्यक दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी वाहनों को तय मानकों के अनुसार चलाना अनिवार्य है क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।