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ग्राम पंचायत कुशमहा के ग्रामीणों की धरणा प्रदर्सन समाप्त, प्रशासन ने दिए आश्वासन

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रिपोटर महेन्द्र मिश्रा

 

स्थान – मानपुर/ उमरिया

 

दिनांक – 24,03,2025

 

ऐंकर *ग्राम पंचायत कुशमहा के ग्रामीणों की धरणा प्रदर्सन समाप्त, प्रशासन ने दिए आश्वासन*

मानपुर / उमरिया

ग्राम पंचायत कुशमहा के निवासियों द्वारा जनमन आवास योजना के राशि भुक्तान करवाये जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे करवाकर पक्के आवास के लाभ हेतु, विस्थापित परिवारों को 15 लॉख तक के अथवा उससे कम सम्पत्ति वालों को 15 लॉख रुपये एवं इससे अधिक सम्पत्ति वालों को उस अचल सम्पत्ति के अनुसार उचित मुआवजा और मिनिमम दो हेक्टेयर उपजाऊ खेतिहर भूमि दिलाने के मांग को लेकर धरण प्रदर्सन जारी था, जो मामपुर जनपद कार्यालय के सामने 20 मार्च 2025 से चल रहाथा, जहां 28 मार्च से भूख हड़ताल होना निस्चित था,

उमरिया जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती अनूजा वीरेन्द्र पटेल जी, मानपुर सीईओ राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, मानपुर के तहसीलदार कन्हैया दास पनिका के सम्झाने एवं टाईगर रिजर्व बाधवगढ़ क्षेत्र पनपथा के एसडीओ बीएस उप्पल के आस्वशन के बाद 24 मार्च को शाम 4 बजे धरणा प्रदर्सन बंद करवाया गया |

 

*कथन:-* जनपद पंचायत मानपुर के सीईओ राजेन्द्र प्रसाद तिवारी जी ने कहा कि जनमन और पीएम आवास के साथ अन्य शास्कीय योजनाओं से हम आप को सदा जोड़कर रखना चाहते हैं सरकार की यही मंसा भी है, परंतु वन विभाग के एनओसी के बिना विस्थापन वाले गांव में कोई विकास असम्भव है, जिस विषय पर हम शासन प्रशासन से पत्राचार और मांग करने में हमेशा आगे रहते हैं |

 

बीटीआर के एसडीओ बीएस उप्पल ने कहा कि आप नें पत्राचार के माध्यम से जो मांग रखे हो वह मांग पत्र हम आगे बढ़ाकर विभागीय प्रशासन और सरकार से आप के हितार्थ मागों की सीघ्र पूरा करवाने का प्रयास करेंगे जिसके लिये हमें कम से कम एक माह का समय चाहिये, हम आशा करते हैं कि तब तक के लिये आप को यह हड़ताल रोंक देना चाहिये |

 

उमरिया जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती अनूजा पटेल जी ने कहा कि वन विभागीय एसडीओ के आस्वासन का सम्मान करते हुये इस धरणा प्रदर्सन को कुछ महीनों तक के लिये स्थगित करने के लिये अपील करते हैं, एक माह के अंदर आप ग्रामीणों के पक्ष में निर्णय न लिया गया तो हम क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि आप के सांथ खड़े रहेंगे |

*आंदोलन फिर होगा तेज़!*

ग्रामीणों ने कहा कि वन प्रशासन हम गरीबों के फसल नुक्सानी, विसाथापन के नाम पर जमीन घर और जीवन के साधन को छीनना, क्षेत्र में सभी विकास कार्यों को रोकने के अलावा दिया क्या है, यदि 5 मई 2025 तक हमारे मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो हम लोग फिर से आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी जवाबदारी शासन – प्रशासन की होगी।

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