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मनौरी ओवरब्रिज के गड्ढे को मिट्टी से पाटकर छिपाने की कोशिश कर रहे विभागीय अफसर

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News By- नितिन केसरवानी

कौशाम्बी।* डामर की सड़क में गड्ढा होने के बाद उसमें मिट्टी डालकर समतल किए जाने का अधिकारियों का यह प्रयास एक साजिश का हिस्सा है। जिन सड़कों में छोटे-छोटे गड्ढे हो जाते हैं उसमें मिट्टी डालकर गड्ढे को विभागीय अधिकारी भर देते हैं, जिससे पानी पड़ने के बाद मिट्टी के साथ तेजी से गिट्टियां उखड़ने लगती हैं और सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं, जिसके बाद सड़क मरम्मत का फिर प्रस्ताव होता है और करोड़ों का बजट निकाल कर अधिकारियों की कमीशन खोरी शुरू हो जाती है। सड़क के गड्ढे में मिट्टी डालने वाले अधिकारियों की साजिश के चलते प्रत्येक वर्ष सरकार को करोड़ों का चूना लग रहा है। जानबूझकर सड़क बर्बाद करने के उद्देश्य से सड़कों के गड्ढे में मिट्टी डालने वाले अधिकारियों को चिन्हित करना होगा और इन पर मुकदमा दर्ज करके इनको गिरफ्तार किए जाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि आम जनता के आवा गमन की समस्या को देखते हुए शासन द्वारा मनौरी ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया है। ओवरब्रिज को बने हुए लगभग सात वर्ष हो गए हैं। तब से लेकर अब तक दर्जनों बार ओवरब्रिज की सड़क उखड़ चुकी है। मरम्मतीकरण के नाम पर जिम्मेदारों के द्वारा कई बार बजट निकाला गया फिर भी ओवरब्रिज की सड़क गड्ढामुक्त नहीं हुई। वर्तमान समय में ओवरब्रिज पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जो हादसे को दावत दे रहे हैं फिर भी विभागीय अफसरो ने पुख्ता इंतजाम नहीं किया जिससे ओवरब्रिज के ऊपर दुर्घटना की प्रबल संभावना बनी रहती है। स्थानीय लोगों ने विभागीय कार्यालय में इस विषय पर कई बार शिकायत किया जिसके बाद विभागीय अफसर जागे और खानापूर्ति तक सीमित रह गए लेकिन समस्या को जड़ से समाप्त करने की योजना नहीं बनाई गई। ओवरब्रिज पर हजारों की संख्य में प्रतिदिन छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता है। गड्ढे में वाहन का पहिया जाते ही अनियंत्रित होकर दिशाहीन हो जाता है जिसके कारण कई दफा बड़ा हादसा हो गया है। हद तो तब हो गई जब लोगों ने ओवरब्रिज पर बने गड्ढे को लेकर शिकायत की तो विभागीय अधिकारी आए और बजट का हवाला देते हुए गड्ढे को मिट्टी से पाटकर चले गए और समय के साथ गड्ढे से मिट्टी धूल बनकर धीरे-धीरे उड़ गई जिससे एक बार फिर से मनौरी ओवरब्रिज की सड़क बड़े गड्ढे में तब्दील हो गई। सड़क में मिट्टी डालकर उसको बर्बाद करने वाले विभागीय अफसरो को चिन्हित कर इनको दंडित किए जाने की जरूरत है।

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