यहां छलकते हैं हर शाम जाम, कोई चौराहा नहीं ये हैं कोलार तहसील कार्यालय
_नियमों की धज्जिया उड़ाने के लिए माशूर कोलार तहसील और अफसर_
दैनिक प्राईम संदेश
भोपाल। सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया था कि अब से प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में अधिकारी एवं कर्मचारी को सुबह 10 बजे पहुंचना होगा। शाम को 6 बजे तक का कार्यालय में उपस्थित रहने की अनिवार्यता भी की गई है। लेकिन कोलार तहसील सारे नियमों को ताक पर रखने में पहले से ही बहुत मशहूर है। यहां नियमों का उल्लंघन हो या अफसरों का आदेश हो, सबको ठेंगा दिखाने में एक्सपर्ट कोलार तहसील आज भी उसी ढर्रे पर चल रही है “ज़ब खुलेगी आँख तब जागेंगे साहब” मगर वहाँ के अफसरों के साथ ही कर्मचारी भी साहब के नक्स-ए-कदम पर ही चलते हुए नजर आ रहे है !
*सायबर तहसील बना था झूठ का जुमला*
मध्यप्रदेश के मोहन सरकार के सपनों को चकनाचूर कर रहे राजधानी के कोलार तहसील के तहसीलदार और बाबू पूरे प्रदेश में सायबर तहसील का तोहफा देने वाले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले कुछ माह पहले ही पूरे प्रदेश में सायबर तहसीलों का उद्धघाटन किया गया था और जनता को सायबर तहसील से सुविधा मिलेंगी ऐसा वादा भी किया था वहीं राजधानी में यह पहल अभी से 2 साल पहले शिवराज सरकार द्वारा की गई थी और भोपाल शहर की कोलार तहसील को सायबर तहसील घोषित किया गया था ताकि डिजिटल होने से काम में आसानी होगी और आस पास में रहने वाले किसानों और आम जनता को इसका लाभ मिल सकेगा मगर राजधानी में बैठे एक भ्रष्ट अफसर ने प्रधानमंत्री के सपनों को पलीता लगाया जा रहा है !
वहीं राजधानी में बैठे कलेक्टर कोशैलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा सख्त निर्देश दिए है की सायबर तहसील में दस्तावेज के आधार पर किसी भी तरह के कोई भी प्रकरण दस्तावेज के आभाव में रिजेक्ट नहीं किया जाएगा लेकिन तहसीलदार साहब द्वारा कलेक्टर के निर्देशौ को भी अनदेखा कर कई मामलों को सिर्फ दस्तावेजों के आधार पर रिजेक्ट कर दिया जाता है और अब जमीन मालिक सिर्फ अब तहसील के चककर लगाने को मजबूर है !
*प्राईम संदेश की खबरों के बाद होश में आए थे अफसर*
प्राईम संदेश द्वारा ज़ब नामांतरण मामले में संज्ञान लेकर फरियादियों की मिन्नत सुनी और पूरी जानकारी ले कर खबर प्रकाशित की गई थी तब कहीं जाकर नायब तहसीलदार अतुल शर्मा द्वारा नामांतरण पर बमुश्किल टीप लगाई गई थी