जातीय समीकरण में उलझा गुना लोकसभा चुनाव
क्या कांग्रेस की जीत में रोड़ा बनेंगे कांग्रेस संगठन के जिला मुखिया
यादव समाज की एकजुटता से धाकड़ कुशवाहा लोधा लोधी समाज हुआ कांग्रेस से दूर
दीपक राठौर
गुना। गुना शिवपुरी लोकसभा संसदीय क्षेत्र जातीय समीकरण में उलझता जा रहा है यहां कांग्रेस ने यादव समाज के राव यादवेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है जिसके चलते सियासी हल्कों में चर्चा है कि यादव समाज कांग्रेस के प्रति एकजुट हो गया है। यादव समाज की कि एकता के चलते अन्य समाज धाकड़ कुशवाहा और लोधा लोधी समाज भी भाजपा के पक्ष में एकजुट दिखाई दे रही है। यही नहीं कांग्रेस के जिला संगठन मुखिया मेहरबान सिंह धाकड़ भी अपने धाकड़ समाज में पेट बनाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं यहां यह बता दें कि इस संसदीय क्षेत्र में यादव कुशवाहा लोधा लोधी समाज के अलावा ब्राह्मण समाज की बहुतायदाद है वहीं कांग्रेस का कार्यकर्ता भी संगठन की अनदेखी के चलते अपने आप को असाहय महसूस कर रहा है और कांग्रेस के प्रति कार्य करने से मुंह चुरा रहा है हालांकि दिखाने के लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता थोड़ी बहुत देर के लिए भीड़ में शामिल होकर कांग्रेस में मतदान करने की औपचारिकता दिखा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दबी जवान में कहा कि वह विचारधारा से कांग्रेसी हैं इसलिए बेमन से कांग्रेस के प्रचार में जा रहे हैं लेकिन संगठन की ओर से उन्हें कोई तवज्जो नहीं मिल रही ऐसे में मोदी लहर के चलते और स्वयं भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के आभामंडल को कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह कैसे भेद पाएंगे यह राजनीतिक समझ रखने वालो को भी समझ में नहीं आ रहा है। कुल मिलाकर फिलहाल भाजपा और स्वयं सिंधिया जिस रणनीति से चुनाव प्रचार कर रहे हैं उसके आगे कांग्रेस काफी नीचे दिखाई दे रही है वही कांग्रेस के जिला संगठन मुखिया का भी ध्यान गुना लोकसभा के प्रति कम बल्कि उनके राजनीतिक आदर्श दिग्विजय सिंह के प्रति ज्यादा दिखाई देता है कारण भी साफ है कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मेहरबान सिंह धाकड़ विधानसभा के रहने वाले हैं और गुना जिले की दो विधानसभा राघोगढ़ और चाचौड़ा राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में आती है और इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के बैनर तले स्वयं दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए उनकी निष्ठाएं कांग्रेस के गुना प्रत्याशी राव देशराज सिंह के साथ कम दिखाई दे रही हैं और राजा दिग्विजय सिंह के लिए ज्यादा दिखाई दे रही है ऐसे में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता मायूस नजर आ रहा है। वहीं भाजपा के प्रचार प्रसार के बीच कांग्रेस अभी भी कमजोर नजर आ रही है हालांकि 7 तारीख अभी दूर है ऐसे में कांग्रेस किस तरह बढ़त बना पाएगी यह आम मतदाता नहीं समझ पा रहा। वहीं राजनीतिक हल्कौ में चर्चा यह भी है कि ऊपरी लेबल पर भी शायद सिंधिया और कांग्रेस के प्रति कोई सामंजस बैठ गया है यही कारण है कि कांग्रेस संगठन के जिला मुखिया भी शायद कांग्रेस के प्रति सही तरीके से अपनी निष्ठा साबित नहीं कर रहे जिसके चलते गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी को कहीं ना कहीं राजनीतिक रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है।