सात दिवसीय हाथी रिजुवनेशन कैंप का हुआ शुभारंभ।
संजय टाइगर रिजर्व सीधी के दुसरी में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे विधायक।
सात दिवसीय हाथी रिजुवनेशन कैंप का हुआ शुभारंभ।
संजय टाइगर रिजर्व सीधी के दुसरी में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे विधायक।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
हाथी महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन 23 सितम्बर से 29 सितम्बर तक खैरीझील हाथी कैम्प परिसर में किया जा रहा है। महोत्सव का शुभारंभ विधायक कुंवर सिंह टेकाम द्वारा हाथियों की पूजा एवं फल अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व अमित कुमार दुबे, उप संचालक राजेश कन्ना, सहायक संचालक सीधी सुधीर मिश्रा, अधीक्षक सोन घड़ियाल प्रमोद सिंह, वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अभय सेंगर, परिक्षेत्र अधिकारी एवं वन अमला उपस्थित रहे।
विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने अपने उद्बोधन में वन्यप्राणी संरक्षण हेतु टाइगर रिजर्व प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की और मानव-वन्यप्राणी सहजीविता पर बल दिया। उन्होंने महावतों एवं चारा कटरों को टॉर्च, मच्छरदानी एवं बैग वितरित किए। अमित कुमार दुबे ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं कैंप के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हाथियों के स्वास्थ्य संवर्धन और देखभाल के लिए यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है।
सप्ताहभर चलने वाले इस आयोजन में हाथी बापू, भरत, चित्रा और शांभवी सम्मिलित हैं। इस दौरान हाथियों को नियमित आहार के साथ केला, सेव, पपीता, गन्ना, नारियल आदि विशेष फल खिलाए जाएंगे। हाथियों की टस्क ट्रिमिंग, नाखून काटना, नीम तेल से पैरों की मालिश तथा स्वास्थ्य परीक्षण जबलपुर के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा। रक्त के नमूने भी लिए जाएंगे। महावतों एवं चारा कटरों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा तथा परिचर्चा एवं खेल-कूद कार्यक्रम आयोजित होंगे। पूरे कैंप के दौरान हाथियों को किसी भी कार्य से पूर्णतः मुक्त रखा जाएगा। समापन 29 सितम्बर को होगा।
इस महोत्सव की प्रमुख विशेषताओं में हाथियों का संपूर्ण चिकित्सकीय परीक्षण, पैरों और दाँतों की देखभाल, खनिजों से युक्त आहार एवं पारंपरिक भोज्य पदार्थों की उपलब्धता, कीचड़ स्नान एवं जलक्रीड़ा जैसी मनोरंजन गतिविधियाँ, महावतों के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम तथा पर्यटन सहभागिता शामिल है। आगंतुकों को हाथियों की देखभाल की प्रक्रिया को नजदीक से समझने और अनुभव करने का अवसर भी मिलेगा।
यह आयोजन हाथियों के संरक्षण एवं सेवा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने, सांस्कृतिक विरासत में उनके महत्व को रेखांकित करने तथा संरक्षण के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना जगाने का एक संवेदनशील प्रयास है। जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों, प्रबुद्ध नागरिकों, वन्यजीव प्रेमियों, पर्यटकों एवं स्थानीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु संजय दुबरी टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं।