Breaking News in Primes

मोजरवेयर और अमरकंटक ताप विद्युत गृह से धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवरलोड ट्रक: कानून ताक पर, सांस पर संकट

0 21

मोजरवेयर और अमरकंटक ताप विद्युत गृह से धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवरलोड ट्रक: कानून ताक पर, सांस पर संकट

 

ज्ञानेंद्र पांडेय/अनूपपुर:अनूपपुर जिले में राखड़ परिवहन एक बेकाबू और जानलेवा उद्योग बन चुका है।

मोजरवेयर जैतहरी और अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई से रोजाना दर्जनों ओवरलोड ट्रक कोतमा, जैतहरी, बदरा और आसपास के क्षेत्रों से होकर गुजर रहे हैं। इन वाहनों की रफ्तार और ओवरलोडिंग न केवल सड़क हादसों को न्योता दे रही है, बल्कि उड़ती राखड़ की धूल से लाखों लोगों की सेहत भी दांव पर लगी है।

 

प्रशासन, यातायात विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तीनों की संपूर्ण निष्क्रियता इस पर्यावरणीय अपराध को और भी खतरनाक बना रही है।

 

ओवरलोड ट्रकों से उड़ती राखड़ ने लोगों का सांस लेना मुश्किल किया

 

शहर और गांवों से होकर गुजरने वाले इन भारी वाहनों के कारण हर सड़क धूल और राखड़ की सफेद परत से ढंक गई है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सुबह से लेकर देर रात तक लगातार ट्रकों का आना-जाना जारी रहता है, और उनके पीछे-पीछे उड़ती राख लोगों के घरों, दुकानों और स्कूलों में घुस जाती है।

 

“छोटे बच्चों को खांसी और सांस लेने में दिक्कत हो रही है यह कहना है अनलोडिंग पॉइंट के आसपास के निवासियों का है क

खुले ट्रकों से उड़ती राखड़ ने हमारे घरों को जहरीला बना दिया है,” – क्षेत्र के कई लोगों ने बताया।

 

 

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन

 

28 अगस्त 2019 को भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राखड़ परिवहन को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए थे:

खुले ट्रक या हाईवा में राखड़ ढुलाई प्रतिबंधित है।केवल चारों ओर से बंद कैप्सूल ट्रकों में ही राखड़ ले जाया जा सकता है।

 

त्रिपाल ढंकना पर्याप्त नहीं माना जाएगा।

 

प्रत्येक ट्रांसपोर्ट यूनिट को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति और निगरानी प्राप्त करना अनिवार्य है।

लेकिन इन दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

मोजरवेयर और अमरकंटक ताप विद्युत गृह से जुड़े ट्रक खुले हाईवा में, क्षमता से दोगुना लोड लेकर तेज गति में गांवों और मुख्य मार्गों से गुजरते हैं – बिना किसी रोकटोक के।

 

यातायात विभाग बना ‘मूक दर्शक’

 

क्षमता से अधिक लोड वाले वाहनों की खुलेआम आवाजाही के बावजूद यातायात विभाग पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रहा है।

न कोई चेकिंग होती है, न चालान, न ही कोई वाहनों को रोका जाता है।ओवरलोडिंग की पुष्टि के बावजूद न परमिट रद्द किए गए, न वाहनों की फिटनेस जांची गई।

यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या विभाग को सब कुछ दिख नहीं रहा, या वह जानबूझकर अनदेखा कर रहा है?

 

 

मुनाफे की अंधी दौड़ में नियमों की कुर्बानी

 

राखड़ परिवहन में लगे ट्रांसपोर्टर और वाहन मालिक मुनाफे के चक्कर में:वाहनों में क्षमता से अधिक लोड भरते हैं।समय बचाने के लिए तेज रफ्तार में दौड़ाते हैं।

वाहन सुरक्षा, जन सुरक्षा, और प्रदूषण नियंत्रण – सब कुछ ताक पर रख दिया गया है।

इससे न केवल सड़कें खराब हो रही हैं, बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है।

 

स्थानीय लोग त्रस्त, जवाबदेही गायब

 

कोतमा, जैतहरी और चचाई क्षेत्र के लोग लगातार इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन या विभागों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

 

“हमें तो लगने लगा है कि कोई सुनने वाला नहीं है। अगर आज बीमार नहीं पड़े तो कल पड़ेंगे,” एक स्थानीय व्यापारी ने कहा।

लोगों का कहना है कि यह पूरा सिस्टम राजनीतिक संरक्षण और लाभार्थियों की मिलीभगत से चल रहा है।

अनूपपुर जिले का कोतमा, जैतहरी और चचाई क्षेत्र राखड़ के जहरीले जाल में फंसता जा रहा है।

अगर यह बेतरतीब और गैरकानूनी परिवहन ऐसे ही चलता रहा, तो जल्द ही यह इलाका सांस की बीमारियों का केंद्र बन जाएगा।

 

इनका कहना है

 

आप के द्वारा जानकारी दी गई है जल्द ही इन पर कार्यवाही की जाएगी

 

विनोद दुबे

यातायात प्रभारी अनूपपुर

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!