*झिरन्या। खरगोन*
*संवाददाता दिलीप बामनिया*
सबके प्रति सदभावना रखें : डॉ. मालवीया भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ का आयोजन
झिरनिया। संसार में सबसे सर्वोपरि मानवता है, किन्तु मानव ही मानव का दुश्मन बनकर उसे क्षति पहुंचाने की प्रयास करता है। घृणा, द्वेष व दुर्भावना के वशीभूत होकर व्यक्ति किसी का भी अहित कर बैठता है। ऐसे में शांति और सदभावना की स्थापना के लिए वसुधैव कुटुंबकम की महती आवश्यकता है। यह एक सामाजिक दर्शन है जिसके अनुसार पूरी मानव जाति एक ही जीवन ऊर्जा से बनी है। सबको बनाने वाला परमात्मा एक ही है। इस तरह हम सब एक ही परिवार के सदस्य है अर्थात सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है। अतएव हमें सबके प्रति सदभावना रखनी चाहिए।
उक्त विचार शासकीय महाविद्यालय झिरन्या में डॉ. प्रवीण मालवीया ने व्यक्त किये। भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. अंजू चौहान ने बताया की वसुधैव कुटुंबकम का उल्लेख महोपनिषद में मिलता है,जिसके अनुसार सम्पूर्ण पृथ्वी के प्राणियों को अपना मानकर उनके साथ श्रेष्ठ व्यवहार करना चाहिए।इस अवसर पर रितु गंगारेकर, आदिल शेख, विक्रम खरते, संजय धोपे सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
*झिरन्या। संवाददाता दिलीप बामनिया की रिपोर्ट*