तहसीलदार हड़ताल पर बड़ा आदेश जारी: राजस्व अधिकारियों के लिए शासन का नया स्पष्टीकरण
भोपाल में हुई बैठक के बाद शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए – जानिए राजस्व न्यायालयों के संचालन और अधिकारी व्यवस्था से जुड़ी सभी बातें
तहसीलदार हड़ताल पर बड़ा आदेश जारी: राजस्व अधिकारियों के लिए शासन का नया स्पष्टीकरण
भोपाल में हुई बैठक के बाद शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए – जानिए राजस्व न्यायालयों के संचालन और अधिकारी व्यवस्था से जुड़ी सभी बातें
भोपाल, 18 अगस्त 2025 – मध्यप्रदेश में चल रही तहसीलदार और राजस्व अधिकारियों की हड़ताल के बीच शासन ने बड़ा आदेश जारी किया है।
कनिष्ठ राजस्व अधिकारी संघ की मांगों और शंकाओं के समाधान के लिए राजस्व विभाग और संघ पदाधिकारियों के बीच चर्चा के बाद महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किए गए हैं।
यह आदेश प्रदेश के कलेक्टरों और राजस्व न्यायालयों के सुचारू संचालन हेतु जारी किए गए हैं।
मुख्य बिंदु (Highlights of the Order):
1. डाइज नॉन की कार्यवाही:
शासन ने स्पष्ट किया है कि डाइज नॉन की कार्रवाई केवल विधिक प्रावधानों के तहत ही संभव होगी।
2. राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति मानक:
संभागीय मुख्यालयों पर 14 अधिकारी और जिला मुख्यालयों पर 8 अधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रावधान स्थानीय परिस्थिति के अनुसार लचीला रहेगा।
न्यायालय संचालन हेतु प्रत्येक कार्य दिवस को डेडीकेटेड अधिकारी अनिवार्य रहेंगे।
3. वाहन व्यवस्था:
जिला कलेक्टर को यह अधिकार होगा कि उपलब्ध सरकारी वाहन प्राथमिकता के आधार पर अधिकारियों को आवंटित करें।
4. ग्रेड-पे और क्रमोन्नति:
अधिकारी वर्ग की ग्रेड-पे और प्रमोशन से संबंधित लंबित कार्रवाई में तेजी लाने का आश्वासन दिया गया है।
5. अधिकारी पदनाम संबंधी स्पष्टीकरण:
न्यायिक एवं गैर-न्यायिक अधिकारी की जगह राजस्व अधिकारी और कार्यपालिक दंडाधिकारी शब्द को अब प्रयुक्त किया जाएगा।
6. न्यायालय विलय पर प्रक्रिया:
कलेक्टर यदि किसी तहसील/राजस्व न्यायालय को मर्ज करना चाहते हैं, तो राजस्व विभाग से पूर्वानुमति अनिवार्य होगी।
7. पूर्ववर्ती निर्देश प्रभावी:
पहले जारी किए गए सभी परिपत्र और निर्देश जैसे के तैसे लागू रहेंगे।
जिन जिलों के लिए आदेश लागू:
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रतलाम, सिवनी, उमरिया, शहडोल, सतना, नरसिंहपुर, शाजापुर, छिंदवाड़ा, खंडवा, बालाघाट, मंदसौर, धार, भिंड, देवास, कटनी, मंडला, रीवा, सिंगरौली, ग्वालियर, खरगौन, राजगढ़ सहित अन्य जिलों में यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
संघ की प्रतिक्रिया:
कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने शासन के रुख को सकारात्मक बताया है, लेकिन कुछ मुद्दों पर स्पष्ट समयसीमा और क्रियान्वयन पर जोर दिया है।
जनता को राहत:
हड़ताल के चलते रुके पड़े कामों और लंबित प्रकरणों के बीच यह आदेश राजस्व अदालतों के संचालन के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आया है।