पुलिस कंट्रोल रूम खरगोन
*खरगोन पुलिस ने iRAD/eDAR एवं CCTNS डाटा में समरसता लाने हेतु आयोजित किया गया 01 दिवसीय प्रशिक्षण*
खरगोन जिले से प्राईम संदेश
पीटीआरआई पुलिस मुख्यालय भोपाल के द्वारा iRAD (Integrated Road Accident Database)/eDAR (Electronic Detailed Accident Report) एवं CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) के डाटा में पाई जा रही भिन्नताओं को दूर करने हेतु लगातार निर्देशित किया गया था ।
इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक खरगोन श्री धर्मराज मीना के निर्देशन में आज दिनांक 01.08.2025 को पुलिस कंट्रोल रूम खरगोन में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य iRAD/eDAR एवं CCTNS में दर्ज डाटा के मध्य सामंजस्य स्थापित करना था ।
प्रशिक्षण में जिले के समस्त थाना प्रभारियों एवं iRAD/eDAR का संचालन करने वाले मुंशियों ने सहभागिता रही । प्रशिक्षण का संचालन NIC के District Rollout Manager श्री शरद गवली द्वारा किया गया, जिनके द्वारा थानावार डाटा का विश्लेषण कर दोनों प्लेटफॉर्म्स के बीच पाई जा रही असंगतियों की पहचान की गई । साथ ही, इन विसंगतियों को कैसे समाप्त किया जाए, इस पर विस्तृत मार्गदर्शन भी दिया गया ।
श्री शरद गवली के द्वारा प्रतिभागियों को iRAD/eDAR एवं CCTNS के बीच डाटा समन्वय बनाए रखने हेतु आवश्यक तकनीकी जानकारी और कार्यप्रणाली समझाई गई । प्रशिक्षण में स्पष्ट किया गया कि, डाटा की सटीकता न केवल व्यवस्थागत पारदर्शिता के लिये आवश्यक है, बल्कि दुर्घटना विश्लेषण, नीतिगत निर्णय एवं अपराध की रोकथाम में भी सहायक होती है ।
*iRAD/eDAR क्या है?*
यह भारत सरकार द्वारा विकसित एक राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित समस्त जानकारी को एकत्र कर विश्लेषण करना है। इसमें दुर्घटना स्थल पर उपस्थित पुलिस, एंबुलेंस, अस्पताल एवं अन्य विभागों द्वारा डाटा एंट्री की जाती है । यह डाटा सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु नीति निर्माण में उपयोगी होता है।
*eDAR (Electronic Detailed Accident Report):*
यह iRAD का ही एक विस्तृत डिजिटल संस्करण है, जिसमें दुर्घटना से संबंधित सभी तथ्यों जैसे – वाहन, चालक, पीड़ित, स्थान, समय, गवाह आदि का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार किया जाता है।
*CCTNS क्या है?*
यह गृह मंत्रालय, भारत सरकार की एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य देश के सभी पुलिस थानों को एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़कर अपराधियों की जानकारी का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाना है। इसके माध्यम से FIR, केस डायरी, चार्जशीट, अभियुक्त व पीड़ित की जानकारी आदि डिजिटल रूप से सुरक्षित और सुलभ रहती है।