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हम चुनते हैं दो सांसद, पांच साल में एक ने भी रायसेन में नहीं बिताई रात

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हम चुनते हैं दो सांसद, पांच साल में एक ने भी रायसेन में नहीं बिताई रात

 

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

रायसेन जिले की तीन सीहोर जिले की इछावर विधानसभा सीटें आती है विदिशा लोकसभा क्षेत्र में जिले की बरेली विधानसभा होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में शामिल

रायसेन। एक बार फिर विदिशा रायसेन लोकसभा सीट के चुनाव की रणभेरी बच चुकी है। भाजपा ने जहां एक और पूर्व मुख्यमंत्री और विदिशा लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद शिवराज सिंह चौहान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है वही कांग्रेस पार्टी ने दो बार के पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारे गए हैं 1980 के दशक में विदिशा रायसेन लोकसभा क्षेत्र में भूतनी विधानसभा भी आती थी लेकिन लोकसभा चुनाव के परिसीमन के बाद अब रायसेन जिले की सांची भोजपुरी और सिलवानी विधानसभा क्षेत्र सहित सीहोर जिले की इछावर विधानसभा क्षेत्र आती है। वही रायसेन जिले की बरेली विधानसभा क्षेत्र होशंगाबाद नरसिंहपुर लोकसभा क्षेत्र में शामिल है पूर्व में बरेली विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व स्व. सरताज सिंह सहित भाजपा के रामपाल सिंह राजपूत राव उदय प्रताप सिंह जो वर्तमान में शिक्षा मंत्री हैं प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.वर्ष2स 2024 के लोकसभा चुनाव में होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी भारतीय किसान संगठन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस पार्टी के संजय संजू शर्मा चुनाव मैदान में डटे हुए हैं

 

 

विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र से पहले चुनाव मे बुदनी सीहोर भी शामिल थी।

वर्ष 1952: पहले चुनाव में सीहोर खुद था संसदीय क्षेत्र था।

साल 1952 में जब देश का पहला चुनाव हुआ सीहोर एक संसदीय क्षेत्र था और पूरी भोपाल रियासत सीहोर और रायसेन संसदीय क्षेत्र में बंटी हुई थी। समय बदलता गया और दोनों संसदीय क्षेत्रों ने अपना अस्तित्व खो दिया। सीहोर भोपाल संसदीय क्षेत्र का हिस्सा बनकर रह गया। अब सीहोर जिला भोपाल विदिशा और देवास संसदीय क्षेत्र में बट गया है। रायसेन विदिशा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इतिहास खंखाले तो 27 मार्च 1952 को हुए पहले चुनाव में भोपाल स्टेट दो संसदीय क्षेत्रों में बंटा हुआ था। एक हिस्सा सीहोर जिसके सांसद के रूप में सईद उल्लाह रजमी सांसद चुने गए और दूसरे हिस्से रायसेन के सांसद चतुर नारायण मालवीय बने।

इनमें सांची भोजपुरी सिलवानी उदयपुर देवी बेगमगंज विदिशा लोकसभा क्षेत्र में आते थे ।लोकसभा विदिशा के नए परिसीमन के बाद बरेली उदयपुरा तहसील होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में चले गए। और विदिशा लोकसभा क्षेत्र में रायसेन सांची भोजपुर सिलवानी सीहोर जिले की तहसील इछावर शामिल कर दी गई।

दुर्भाग्य

सीहोर विधानसभा भोपाल आष्टा देवास तो इछावर और बुदनी विधानसभा विदिशा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा बन गया।विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र राजधानी भोपाल के नजदीकी है। वही उदयपुर बरेली विधानसभा क्षेत्र होशंगाबाद नरसिंहपुर जिलों के नजदीक है। लेकिन लाइसेंस शहर का दुर्भाग्य रहा है कि यहां से दो-दो सांसद तो चुने जाते हैं विदिशा और होशंगाबाद के। लेकिन रायसेन का दुर्भाग्य यह है कि एक सांसद भी यहां रात्रि विश्राम नहीं करता। और ना ही उनके कोई कार्यालय खोले गए हैं ताकि जनता की मुसीबतें और समस्याओं का निराकरण जल्द हो सके। उनके ऑफिस होशंगाबाद और विदिशा में तो है। लेकिन रायसेन शहर में नहीं है जिससे हरदम नागरिक परेशान हुआ करते हैं।

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