धनबाद
लोयाबाद
*डेको कंपनी का गार्ड ड्यूटी के दौरान मरा, मुआवजे को लेकर शव के साथ सुबह से रात तक बैठे रहे परिजन*
रिपोटर मिलन पाठक
*आक्रोशित लोगों ने परियोजना का कार्य किया बाधित, फिर भी वार्ता को नही पहुँचे अधिकारी*
*कतरास:* लोयाबाद थाना अंतर्गत बीसीसीएल एरिया 5 के निचितपुर कोलियरी में संचालित डेको आउटसोर्सिंग कंपनी में सुरक्षा गार्ड (कोबरा कंपनी) के रूप में तैनात सुरक्षा कर्मी बाँसजोड़ा बस्ती निवासी महेश सिंह (उम्र लगभग 45 वर्ष) की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई. मृत्यु के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने देखो कंपनी का उत्पादन कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया. *घटना की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि मृतक महेश सिंह रात्रि पाली ड्यूटी में गए थे. ड्यूटी के दौरान सुबह लगभग 5:00 बजे कंपनी का रास्ता में महेश मूर्छित अवस्था में गिरा हुआ था.* जानकारी मिलने पर कंपनी के लोग आनन में महेश को कंपनी का गाड़ी से कतरास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराये, जहां चिकित्सकों ने महेश को मृत घोषित कर दिया. उसके बाद कंपनी के लोगों ने मृतक महेश को उसके परिजनो को सौंप दिया. घटना के बाद जहां मृतक के परिवार में मौत का मातम छा गया. सभी लोग चीख चीख कर रोने लगे. वहीं स्थानीय ग्रामीण पूरी तरह से आक्रोशित हो गए तथा मुआवजा व नियोजन की मांग को लेकर परिजनों के साथ शव को बाँसजोड़ा बस्ती स्थित डेको कंपनी के कैंप के पास रखकर प्रदर्शन करने लगे तथा परियोजना का कार्य पूरी तरह से ठप कर दिया और उत्पादन कार्य बंद करा दिया. बता दे कि मृतक अपने पीछे अपनी पत्नी निशा देवी एवं 2 पुत्र तथा एक पुत्री को छोड़ गया है. *बता दे कि शव को लेकर परिजन एवं भारी सँख्या में ग्रामीण रात भर बैठे रहे लेकिन कंपनी का कोई अधिकारी वार्ता करने के लिए मौके पर नही पहुंचा* घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीण रजनी कुमारी ने बताया कि मृतक का परियोजना में जमीन है. वह यहाँ का रैयत है. लगभग 3 साल से यहां गार्ड के रूप में काम करता था ड्यूटी के दौरान उसकी मृत्यु हुई है इसलिए कंपनी से परिजनों के लिए उचित मुआवजा, नियोजन वह उनके बच्चों के शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग करते हैं. *पंसस अजीत महतो ने कहा कि घटना के लिए पूर्ण रूप से कंपनी जिम्मेदार है. इसलिए मृतक के आश्रितों को 20 लाख रुपया मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नियोजन, दाह संस्कार के लिए एक लाख नगद, मृतक की पत्नी को पेंशन तथा मृतक के तीनों बच्चों की शिक्षा का खर्च कंपनी को उठाना होगा,* अन्यथा किसी भी हालत में शव को नहीं उठाया जाएगा. *वहीं भाषा आंदोलनकारी राजा दास ने कहा कि कंपनी की लापरवाही से कंपनी का गार्ड का मृत्यु हो जाता है. उसके बावजूद भी कंपनी तथा प्रबंधन के अधिकारियों का मौके पर नहीं पहुंचाना यह जाहिर करता है कि प्रबंधन तथा कंपनी के अधिकारियों मे शर्म और हया नाम की कोई चीज नही बची है. शोक संवेदनाएं पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है.* लेकिन जब तक कंपनी और प्रबंधन की ओर से नियोजन मुआवजा और अन्य मांगे नहीं पूरी की जाएगी तब तक शव पड़ा रहेगा और परियोजना का कार्य बाधित रहेगा. *मौके पर उपस्थित लोयाबाद पुलिस ने बताया कि घटना की जानकारी कंपनी तथा प्रबंधन को दिया जा चुका है. कंपनी की ओर से सिक्योरिटी गार्ड का कोबरा कंपनी को वार्ता के लिए थाना भेजा गया था, लेकिन ग्रामीणों के साथ वार्ता विफल रहा. प्रशासन की ओर से कंपनी, प्रबंधन और ग्रामीणों के साथ मध्यस्था का प्रयास लगातार किया जा रहा है.* खबर लिखे जाने तक शव मौके पर पड़ा हुआ है.