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मौसम के बदलाव का असर भारी पड़ने लगा बच्चों की सेहत पर, एक सप्ताह में बढ़ी 760

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मौसम के बदलाव का असर भारी पड़ने लगा बच्चों की सेहत पर, एक सप्ताह में बढ़ी 760

 

*दैनिक प्राईम संदेश जिला* *ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

ओपीडी, डॉक्टरों ने दी अभिभावकों को बच्चों के साथ सावधानी बरतने की सलाह

रायसेन

मौसम के बदलाव का असर भारी पड़ने लगा बच्चों की सेहत पर, एक सप्ताह में बढ़ी 760 ओपीडी, डॉक्टरों ने दी अभिभावकों को बच्चों के साथ सावधानी बरतने की सलाह

 

मौसम के बदलाव का असर भारी पड़ने लगा बच्चों की सेहत पर, एक सप्ताह में बढ़ी 760 ओपीडी, डॉक्टरों ने दी अभिभावकों को बच्चों के साथ सावधानी बरतने की सलाह

 

रायसेन। मौसम में बदलाव का असर बच्चों की सेहत पर ज्यादा हो रहा है। 22 से 29नवम्बर के बीच 760 बच्चे मरीज अभिभावकों के साथ जिला अस्पताल की ओपीडी में उपचार कराने पहुंचे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक राय ने बताया कि इसके अलावा 558 बच्चे भी बीमार हुए हैं। बच्चों को सर्दी-बुखार के साथ फेफड़ों में कफ जमने की शिकायत सामने आ रही है।

 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अचानक तेज सर्दी होने के कारण बच्चों में सर्दी, नाक बंद होना और फेफड़ों में कफ जमने के कारण खांसी हो रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी के मुताबिक 17 दिन में मौसमी बीमारी से पीड़ित 17 बच्चों को भर्ती भी किया गया है। चिकित्सक बच्चों को नियमित दवाओं का सेवन कराने के साथ सावधानी बरतने की सलाह भी दे रहे हैं।

अलर्ट…दो माह की दवाओं का प्रबंध किया।

 

मौसम में बदलाव से होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए जिला अस्पताल ने तैयारी की है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सर्दी, खांसी, बुखार में उपयोग होने वाली दवाओं का दो महीने का अतिरिक्त प्रबंध कर लिया गया है।

 

अस्पताल में पर्याप्त दवाएं और इंतजाम हैं।

 

मौसम में हुए बदलाव के कारण सर्दी, जुखाम, बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। अस्पताल में पर्याप्त दवाएं और इंतजाम हैं। मौैसमी बीमारियों में उपयोग होने वाली दवाओं का अतिरिक्त प्रबंध किया गया है।डॉ. अनिल ओढ़ सिविल सर्जन जिला अस्पताल रायसेन

 

अभिभावक घण्टों होते रहे परेशान।

 

जिला अस्पताल बीमार बच्चे अंकित को इलाज कराने पहुंची रुक्मणि देवी को डॉ नागेश का इंतजार ओपीडी के बाहर करीबन सवा घण्टे परेशान होती नजर आईं।मोबाइल फोन से डॉक्टर नागेश से कुछ लोगों ने बातचीत तब पता चला कि वह सिविल सर्जन के कक्ष में जरूरी काम से गए हैं।कमोवेश रीता बाई सुमन बाई भी मासूम बच्चों के इलाज के लिए ओपीडी कक्ष के बाहर घण्टों खड़ी रहीं।

सावधानी बरतें ….अभिभावक

 

बच्चा रोग चिकित्सक डॉ बीएल नागेशने बताया कि अचानक तेज सर्दी होने के करण बच्चों पर ज्यादा असर पड़ता है। इसलिए पालकों को चाहिए कि वे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें। घर से बाहर जाना है तो स्वेटर और कैप लगाकर जाएं। हरी सब्जियां, फल आदि दें। प्रयास करें कि बच्चों को गर्म भोजन मिले। बच्चे को सर्दी, खांसी होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं। मौसम परिवर्तन के दौरान बीमारियां हावी होती है। इससे बचाव के लिए स्वयं को भी सजग रहना पड़ता है। खासकर सर्दियों के सीजन में। अमूमन बच्चे सुबह जल्दी स्कूल जाते हैं, मौसम भी ठंडा रहता है। पालकों को बच्चों के प्रति सजग रहते हुए बचाव करना चाहिए।

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