News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
मिशन शक्ति अभियान फेज 5.0 के तहत जनपद में गूंजा सशक्तिकरण का संदेश, सशक्त नारी – सुरक्षित नारी, यही है मिशन शक्ति की तैयारी!
कौशांबी: नारी का सम्मान ही समाज की पहचान है इसी भावना के साथ सोमवार को जनपद कौशांबी में मिशन शक्ति अभियान फेज 5.0 के अंतर्गत महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित जागरूकता कार्यक्रम पूरे जनपद में जोरदार रूप से आयोजित किए गए।पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के कुशल निर्देशन में महिला मिशन शक्ति टीमों व एंटी रोमियो स्क्वॉड ने एक साथ गाँव-गाँव, स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर पहुंचकर महिलाओं और छात्राओं को सुरक्षा अधिकारों व कानून की जानकारी दी। युवतियों ने भी संकल्प लिया ,अब हम डरेंगे नहीं, जागरूक बनेंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे।
एसपी राजेश कुमार बोले कि मिशन शक्ति सिर्फ एक अभियान नहीं, यह समाज में सोच बदलने की दिशा में क्रांति है। हर महिला का
आत्मविश्वास ही उसकी सबसे बड़ी सुरक्षा है। हमारी पुलिस का लक्ष्य है कि कौशांबी की हर बेटी खुद पर भरोसा करे और निडर होकर अपने सपनों की उड़ान भरे।अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि हमारी टीम केवल कानून का पालन नहीं करा रही, बल्कि जनमानस की सोच को भी बदल रही है। साइबर अपराधों से लेकर सड़क छेड़छाड़ तक, हर जगह महिलाओं को जागरूक करना ही इस अभियान का असली मकसद है।
जिलाधिकारी डॉ. अमित पाल का वक्तव्य
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
समाज तभी आगे बढ़ेगा जब महिलाएं निडर होकर शिक्षित और स्वावलंबी बनें। मिशन शक्ति के माध्यम से हर वर्ग की महिला तक यह संदेश पहुँचना चाहिए कि शासन-प्रशासन उनके साथ है।
जागरूकता की लहर पूरे जिले में
थाना सराय अकिल में महिला टीमों ने कस्बे के बाजार में महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर (112, 1090, 181, 1930, 1098,1076,102,) की जानकारी दी।
थाना पिपरी में छात्राओं ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की शपथ ली।
थाना कड़ाधाम क्षेत्र के कुबरी घाट व शीतलाधाम मंदिर में श्रद्धालुओं को महिला सुरक्षा पर पर्चे वितरित किए गए।
थाना करारी, चरवा, कोखराज, सिराथू व मंझनपुर , पश्चिम शरीरा, महिला थाना, महेवाघाट थाना, सैनी थाना, कौशाम्बी थाना, संदीपन घाट थाना में महिला उपनिरीक्षकों ने साइबर सुरक्षा, आत्मरक्षा और विधिक अधिकारों पर संवाद किया।
पूरे जनपद में मिशन शक्ति की टीमों ने स्पष्ट कर दिया कि अब चुप्पी नहीं, जवाब होगा,हर नारी के हक़ का हिसाब होगा। कौशांबी पुलिस का यह प्रयास न केवल महिला सुरक्षा का उदाहरण बना, बल्कि समाज में जागरूकता की नई मिसाल भी पेश की।