हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
*आलू और गेहूं की बुवाई करने वाले हजारों किसानों को डीएपी उर्वरक की बेहद आवश्यकता है*
*कौशांबी: आलू और गेहूं की बुवाई का इस समय सीजन चल रहा है जिससे आलू और गेहूं की बुवाई करने वाले हजारों किसानों को डीएपी उर्वरक की बेहद आवश्यकता है लेकिन सहकारी समितियां में डीएपी उर्वरक की उपलब्धता जिम्मेदार अधिकारी नहीं बना सके हैं जिससे सहकारी समिति पहुंचने वाले हजारों किसान बिना डीएपी उर्वरक ना मिलने पर वापस लौट रहे हैं जिससे सहकारी समितियां में सुबह से शाम तक किसानों की भीड़ दिखाई पड़ती है
मंझनपुर मुख्यालय के नगर पालिका परिषद मंझनपुर क्षेत्र के ओसा स्थिति बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड में शनिवार को सैकड़ो किसान डीएपी उर्वरक लेने पहुंचे थे लेकिन उर्वरक की उपलब्धता न होने से उन्हें उर्वरक नहीं मिल पाई है जिससे किसान मायूस हो गए हैं यही स्थिति जिले के अन्य सहकारी समितियां की है जहां उर्वरक के लिए किसान परेशान है अब सवाल उठता है कि यदि गेहूं और आलू की बुवाई के सीजन में किसानों को सहकारी समितियां से डीएपी उर्वरक नहीं मिल पा रही है तो आने वाले दिनों में किसानों को डीएपी उर्वरक की उपलब्धता करने का औचित्य खत्म हो जाएगा अधिकारियों ने पूर्व से ठोस कार्य योजना नहीं बनाई थी समय रहते किसानों को डीएपी उर्वरक उपलब्ध कराने की ठोस योजना ना बनाने का नतीजा किसान भुगत रहे हैं सहायक निबंधक समितियां से लेकर जिला कृषि अधिकारी और उपनिदेशक कृषि की भूमिका इस मामले में बेहद खराब प्रतीत होती है यदि समय रहते इन अधिकारियों ने डीएपी उर्वरक की उपलब्धता की ठोस कार्य योजना बनाई होती तो किसान परेशान नहीं होते और समितियां में उन्हें डीएपी उर्वरक समय से मिल जाती लेकिन मीटिंग बैठक तक सीमित रहकर अधिकारी मुख्यमंत्री को सूचना भेजकर वाहवाही लूट लेना चाहते हैं जबकि जमीनी हकीकत में डीएपी उर्वरक की उपलब्धता जिम्मेदार अधिकारी समय से नहीं बना सके हैं।