News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के कुशल मार्ग निर्देशन में किसान गोष्ठियों के माध्यम से जनपद के किसानों को तकनीकी आधार पर खेती एवं व्यापारिक फसलां के उत्पादन के प्रति जागरूक के करने के साथ ही प्रशिक्षण प्रदान की जा रहीं है, जिसका परिणाम है कि किसान उत्पादक संगठन एवं औद्यानिक विपणन सहकारी समिति, चायल के किसानों ने 07 कुन्तल भिण्डी एवं 04 कुन्तल करेला का निर्यात दुबई में किया है। किसानों द्वारा उत्पादित भिण्डी एवं करेला, अन्तर्राष्ट्रीय मानक पर खरा उतरा।
जनपद में उत्पादित भिण्डी एवं करेला को मिली पहचान
जनपद कौशाम्बी के किसानां ने एक नई उपलब्धि हासिल करते हुए स्थानीय स्तर पर उत्पादित भिण्डी एवं करेला का सफलतापूर्वक निर्यात किया है। यह प्रयास जनपद के कृषि क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो जनपद में उत्पादित फसलों की उत्पादकता, उसकी गुणवत्ता एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भागीदारी को दर्शाता है। इस ऐतिहासिक पहल के पीछे जिला उद्यान अधिकारी अवधेश मिश्रा तथा निर्यात एजेन्सी शिवास्तक ट्रेडर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अंकित सिंह का सराहनीय सहयोग रहा। किसानों को प्रशिक्षण, पैकेजिंग, ग्रेडिंग तथा अन्तर्राष्ट्रीय मानकों की जानकारी प्रदान कर उन्हें वैश्विक बाजार के लिए प्रदान किया गया।
जिलाधिकारी ने किसानां को दी बधाई
जिलाधिकारी ने इस उपलब्धि के लिए किसानों को बधाई देते हुए कहा कि किसानों के इस पहल से जनपद को निर्यात के क्षेत्र में पहचान मिलेंगी। जिला उद्यान अधिकारी को अन्य किसानां को भी एफ0पी0ओ0 के माध्यम से जोड़ते हुए उन्हें कृषि से सम्बन्धित सुविधायें उपलब्ध कराकर उनके द्वारा उत्पादित सब्जी/फल को विभिन्न देशां में निर्यात की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
जिला उद्यान अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में जनपद में अन्य सब्जियॉ एवं फलों के निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहें है। किसानां को उन्नत बीज, प्रशिक्षण एवं प्रसंस्करण सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी, ताकि वे अधिक से अधिक फसल उत्पादित कर निर्यात कर सकें, इससे किसानों की आमदनी में और वृद्धि हो सकेंगी।
संभावित लाभ
किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अन्य किसान भी उन्नत खेती व निर्यात योग्य उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे। कौशांबी की कृषि छवि में सुधार होगा। भविष्य में अन्य सब्जियाँ जैसे-तोरई, शिमला मिर्च, टमाटर, अमरूद आदि का भी निर्यात का प्रयास किया जायेगा। क्लस्टर खेती और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के माध्यम से और अधिक किसानों को जोड़ा जायेंगा।