News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
जनता के सब्र का बांध टूटा, जनप्रतिनिधियों के साथ सड़क पर उतरे ग्रामीण
कौशाम्बी। पुरखास से नंदा मार्ग की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही और वादाखिलाफी के खिलाफ सोमवार से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी पूरे जोश के साथ जारी रहा। करीब पांच किलोमीटर लंबी यह सड़क आधा दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ती है, लेकिन कई वर्षों से इसकी मरम्मत तक नहीं की गई। जबकि विभाग द्वारा टेंडर जारी कर दिए जाने के बावजूद अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। यह सड़क 2023 में ही बनकर तैयार होनी थी, लेकिन अभी तक ईंट तक नहीं लगी है। लोगों का कहना है कि बरसात में इस सड़क पर चलना किसी जंग से कम नहीं, कीचड़, गड्ढे और पानी से भरी सड़क पर बीमार, बुजुर्ग, बच्चे सभी बेहाल हैं।
धरने में जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र, जिला पंचायत सदस्य साधना सिंह,ग्राम प्रधान प्रतिनिधि तेजबली, सोनू सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे और उन्होंने प्रशासन से दो टूक शब्दों में कहा कि अब वादे नहीं, सड़क चाहिए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। धरना स्थल पर बैठी एक बुजुर्ग महिला ने कहा, हमने वोट सड़क के नाम पर दिया था, अब बिना सड़क के चैन से नहीं बैठेंगे। धरना स्थल पर लोगों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन से मांग की कि अविलंब निर्माण कार्य शुरू कराया जाए अन्यथा यह आंदोलन जिले भर में फैल जाएगा।