गरीब किसान का सपना हुआ पूरा, बेटा बना सरकारी नाकेदार, माता पिता बोले-बेटे पर गर्व है
कड़ी मेहनत व लग्न से आशीष ने बैतूल जिलें में पाया प्रथम स्थान
गरीब किसान का सपना हुआ पूरा, बेटा बना सरकारी नाकेदार, माता पिता बोले-बेटे पर गर्व है
कड़ी मेहनत व लग्न से आशीष ने बैतूल जिलें में पाया प्रथम स्थान
आशीष सिंह सिसोदिया की होमगार्ड से वन विभाग में नाकेदार बनने की दस्ता
भोपाल / बैतूल । कहते हैं कि जहां चाह वहां राह. अगर कुछ हासिल करना हो तो रास्ते नहीं देखे जाते बल्कि उन पर बस चला जाता है. इस कहावत को बैतूल जिलें की आमला जनपद के छोटे से कस्बे में बोरगांव के रहने वाले आशीष सिंह सिसोदिया ने गरीब किसान के लाल ने चरितार्थ कर दिखाया है. इस युवा को आज हर कोई सलाम कर रहा है. दरअसल इस युवा ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर पहले होमगार्ड में सफलता हासिल कर नौकरी की वही आशीष के सपने यही नहीं रुके नौकरी करने के साथ मेहनत, लगन से पढ़ाई करते रहे और सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए वन विभाग में नाकेदार की परीक्षा पास कर पिता झनक सिंह सिसोदिया का सपना पूरा किया है । इस युवा ने अपनी मेहनत और लगन से साबित कर दिया कि परिस्थितियों कैसी भी हों, लेकिन दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल अवश्य मिलेगी. झनक सिंह पिता किसी तरह खेती करके परिवार का भरण पोषण करते थे. जबकि उनके पिता का सपना था कि बेटा पढ़ लिखकर अफसर बने. अपने पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए आशीष ने रात दिन मेहनत की और अपने छोटे से गांव का नाम रौशन किया ।
*माता पिता का सपना किया पूरा*
आशीष के पिता झनक सिंह सिसोदिया और माता चयवंती बाई सिसोदिया ने बताया कि वर्षों पहले उन्होंने जो सपना देखा था उसे बेटे ने पूरा कर दिखाया. मुझे अपने बेटे पर गर्व है. साथ ही बताया कि उनके पास खेती भी ज्यादा नहीं थी, लेकिन किसी तरह वह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. साथ ही अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने की पूरी कोशिश करते थे. वर्षों पहले मैंने बेटे को अफसर बनाने का सपना देखा था, जिसे आज मेरे बेटे ने पूरा कर दिया है
*कैसे बने छोटे गांव से निकल कर वन विभाग में अधिकारी*
बैतूल जिलें के आमला ब्लॉक के छोटे से गांव बोरगाँव में किसान झनक सिंह सिसोदिया के छोटे पुत्र आशीष सिंह सिसोदिया का वन विभाग में नाकेदार के रूप में चयन हुआ इससे पहले आशीष होमगार्ड विभाग में पदस्थ थे, आशीष ने इस सफ़लता का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजन व परिवारजनों को दिया आपको बता दे कि इस सफलता से उत्साहित परिवार व गांव वासियों ने बहुत बधाई दी । इसके साथ ही आशीष ने बताया कि उनकी इस मेहनत के पीछे उच्च अधिकारियों का निरन्तर मार्गदर्शन मिलता रहा जिसमें आईएएस जी. एस धुर्वे अपर कलेक्टर बालाघाट, राजीव नंदन श्रीवास्तव अपर कलेक्टर बैतूल, श्यामेंद्र जायसवाल असिस्टेंट कमिश्नर इंदौर, रिटायर अपर कलेक्टर जयप्रकाश सयाम, अनिल सिंह कुशवाह पूर्व डिस्टिक कमांडेंड के कारण ही आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं ।
साथ ही परिवार जिसमें उदय सिंह सिसोदिया, खेम सिंह सिसोदिया, थमन सिंह सिसोदिया प्राचार्य, जितेंद्र सिंह सिसोदिया, डॉ पंकज सिंह सिसोदिया, भूपेंद्र सिंह सिसोदिया, देवेन्द्र सिंह सिसोदिया, डिविज प्रताप सिंह सिसोदिया , संग्राम सिंह राठौर, गिरवर सिंह बघेल, बल सिंह बघेल व समस्त ग्राम वासी की तरफ से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं आशीष को दी गई । वही पूरे गांव और आसापास के युवा अब आशीष से भेजना और सलाह ले रहे हैं कि किस प्रकार से सरकारी नौकरी के लिए उन्हें तैयारी करनी चाहिए और अन्य काम करते हुए भी किस प्रकार समय निकालकर पढ़ाई करते हुए सरकारी नौकरी हासिल की जा सकती है ।