पीएम सीएम के मंशाओ पर एमपीईबी संविदाकार कर्मचारी फेर रहे पानी।
विद्युत पहुचाने काट रहे अति उपयोगी एवं वेश कीमती हरे वृक्ष।
मझौली नगर परिषद अधिकारियों कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
एक ओर जहां लोगों व जीव जंतुओं के जीवन को स्वास्थ्य व सुखय में बनाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार वृक्षारोपण व स्वच्छता में अर्बो -खर्बो की राशि गला रही है वहीं उनके ही नामुंदे सीएम–पीएम के मंशाओं पर लगातार पानी फेरने में तुले हुए हैं। बात करें हम नगर परिषद मझौली की तो यहां के अधिकारी कर्मचारी विगत कुछ वर्षों से नगर विकास की जगह नगर विनाश में तुले हुए हैं। एक ओर जहां नगर की स्वच्छता दीवारों में चिपक तथा कागजी कार्यवाही तक सिमट कर रह गई है। वहीं अब जल संसाधन एवं वृक्षों को नष्ट कर पर्यावरण संतुलन बिगड़ने में तुले हुए हैं।
जिसका ताजा हाल पुराने नगर परिषद कार्यालय के सामने लगे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अति उपयोगी हाल ही में तैयार किए गए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अति उपयोगी कदम के वृक्ष की कटाई करने में लगी बाजी देखी जा रही है। जहां एमपीईबी संविदाकार के कर्मचारी मजहब 100 मीटर की दूरी नवीन उपखंड कार्यालय तक विद्युत कनेक्शन पहुंचने के लिए दर्जन भर वृक्षों को काट पर्यावरण संतुलन में बाधक बन रहे हैं। वही इस पूरे मामले में नगर परिषद मझौली के अधिकारी कर्मचारी आंख बंद कर रखे हैं यहां तक की पुराने कार्यालय में खुद कर्मचारी निवास कर रहे हैं जेस्ट उसके सामने के हाल में तैयार किए गए आधा दर्जन कदम के वृक्षों जोकि पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है संविदाकार के कर्मचारी द्वारा काटे जा रहे थे। यहां तक कि एक वृक्ष काट भी दिया गया और नगर परिषद के कर्मचारी कार्यालय प्रांगण में खड़े देख रहे थे इसका विरोध खंभे गाड़ने के लिए खोदे जा रहे गड्ढों के समय भी लोगों द्वारा किया गया था। फिर भी कई अन्य ऑप्शन जबकि बिना वृक्ष काटे विद्युत कनेक्शन उपखंड कार्यालय तक पहुंचा जा सकता है संविदाकार के कर्मचारी मनमानी पूर्वक जब लोग वहां मौजूद नहीं होते सुबह व रात में रोड के अति समीप लोहे के खंभे गाड हप्तो भर के लिए गायब हो गए थे अब पुनः वापस आ विद्युत पहुंचने के लिए पर्यावरण संतुलन के लिए अति उपयोगी हरे कदम के वृक्ष एवं वेश कीमती शीशम के हरे वृक्ष काट तार लगाए जा रहे हैं। लोगों के मना करने के बावजूद भी जब नहीं माने तो लोगों द्वारा मीडिया को सूचना दी गई मीडिया के शिरकत के बाद पेड़ कटाई तो रोक दिए पर एलमुनियम के नंगे तार हरे बृक्ष से सटाते हुए लगा दिए गए हैं जो की विद्युत कनेक्शन देने पर बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
*विना एनओसी के गाड़े खंभे,काटे वृक्ष*
काटे जा रहे कदम की हरे वृक्ष की शिकायत पर जब मीडिया द्वारा काम करा रहे संविदाकार कर्मचारी जो कि अपना नाम महेश सिंह बता रहे हैं रोड के अति समीप खम्भे गाड़े जाने व हरे कदम के वृक्ष कांटे जाने की नगर परिषद द्वारा ली गई एन ओ सी की जानकारी चाही गई तो उनके द्वारा बताया गया कि नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ द्वारा मौखिक रूप से काटने के लिए कहा गया है एनओसी नहीं है। जो अपने मोबाइल से स्वयं प्रभारी सीएमओ अमित सिंह को फोन लगा कर बात कराई तो बात करते समय उनके द्वारा बोला गया कि हमने कुछ डालों की छंटाई के बोला था ना की पेड़ काटने के लिए। वहीं नगर परिषद के पुराने कार्यालय में डेरा जमाए रह रहे नगर परिषद के आर आई श्री त्रिपाठी प्रांगण में खड़े वृक्ष की कटाई होते देख रहे थे जब लोगों एवं मीडिया द्वारा संविदाकार कर्मचारी को बिना एनओसी के वृक्ष काटने का पूछा जाने लगा तो झल्लाते हुए गमछा बनियान में ही टूट पड़े जिसका वीडियो बनाए जाने उपरांत वापस हुए। इस मामले की जानकारी देते हुए जब प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद मझौली अमित सिंह से व्हाट्सएप के माध्यम से चाही गई तो उनके द्वारा व्हाट्सएप पर ही लिखित रूप में कहा गया कि हम रीवा मीटिंग में हैं दिखवाते हैं। लेकिन आज दूसरे दिन भी सुबह-सुबह वृक्षों की कटाई की जा रही थी मीडिया के पहुंचने पर कर्मचारी उतरकर भाग गए लेकिन अभी तक नगर परिषद के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा द्वारा किसी तरह की कोई कार्यवाही ना किया जाना उनके कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है।
*नजराना पेश कर कर रहे मनमानी पूर्वक काम,?*
लोगों की माने तो संविदाकार के कर्मचारी नगर परिषद के अधिकारियों कर्मचारियों को नजराना भेंट कर मनमानी पूर्वक कार्य कर रहे हैं।जो मनमानी पूर्वक तहसील कार्यालय एवं पुराने नगर परिषद कार्यालय के सामने रोड के आती समीप लोहे के खंभे गाड तथा वेश कीमती शीशम व पर्यावरण संतुलन में अति उपयोगी हाल ही के तैयार कदम के दरगज हरे वृक्ष की कटाई कर विद्युत लाइन उपखंड कार्यालय तक जिसकी दूरी 100 मीटर की लगभग होगी पहुंचाई जा रही है जबकि कई ऐसे स्थान खाली है जहां खंभे गाड़ बिना वृक्ष काटे विद्युत कनेक्शन उपखंड कार्यालय तक पहुंचा जा सकता है। अब देखना होगा जबकि अधिवक्ता, सहित वहां के लोग एवं दूर दराज से आने वाले लोगों द्वारा पेड़ काटने जाने का विरोध किया जा रहा हैं यहां तक की कोर्ट में जाने की भी तैयारी बना रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी क्या कुछ कवायत करते हैं।