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समाचार की सुर्खियां में मनेंद्रगढ़, वन मंडल कौन बताएगा कि वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ के दुर्दशा की जिम्मेदारी किसकी है ?

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हेडलाइन

 

*समाचार की सुर्खियां में मनेंद्रगढ़, वन मंडल कौन बताएगा कि वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ के दुर्दशा की जिम्मेदारी किसकी है ?*

दैनिक प्राइम संदेश एमसी छत्तीसगढ़

संभाग हेड अजीमुदिन अंसारी

 

एमसीबी। वन मंडल मनेंद्रगढ़ के कारनामों की दास्तां कब खत्म होगी यहां हर एक दिन कुछ ना कुछ नए नए लापरवाहियों से भरे कारनामें वन मंडल मनेंद्रगढ़ के वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ में देखने और सुनने को मिल रही है, जिस पर वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ के रेंजर की प्रतिक्रिया भी ऐसी मिल रही है जैसे उन्हें ना विभाग पर उठाए जाने वाले सवालों और आरोपों से कोई मतलब है ही नहीं वन विभाग छत्तीसगढ़ के समस्त उच्चारण पदाधिकारियों का कोई डर, तो क्या ऐसा कहा जाए कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में छत्तीसगढ़ वन विभाग के वन मंडलाधिकारी कार्यालय मनेंद्रगढ़ के अंतर्गत वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ एवं अतिरिक्त प्रभार में केल्हारी क्षेत्र का भी मनेन्द्रगढ़ रेंजर फिर ही देख रहे हैं अपने पूरे कार्यकाल में ऐसे ऐसे पैंतरे दिखा चुके हैं जिससे उनके वन परिक्षेत्र में अनियमितताओं से भरे कार्यों की खबर उनके उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने के बावजूद भी अपने ऊपर कोई कार्यवाही होने नहीं देते हैं? अभी

हाल ही में वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ में भालू की चपेट में आने से एक हफ्ते में दो लोग घायल हुए हैं। एक व्यक्ति जिसकी उम्र करीब 35-36 वर्ष बताई गई है जिस पर भालू ने एक दिन पुर्व हमला कर उसे घायल कर दिया और एक वृद्ध व्यक्ति जिसकी उम्र लगभग 66 वर्ष बताई जा रही है जिस पर करीब एक हफ्ते पहले भालू ने हमला किया था। दोनों का ईलाज वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में चल रहा है और वन विभाग द्वारा दोनों व्यक्तियों को एक एक हज़ार रूपए की सहयाता राशि दी गई है। अब इस पूरे मामले में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन मंडल मनेंद्रगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ ऐसी कुंभकर्णी निद्रा में सोये हुए हैं किअपने वन परिक्षेत्र की तमाम हलचल से बेखबर है कहि खोऐ हुऐ हैं कि वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ में कार्यरत खुद डिप्टी रेंजर को ही भालू के हमले से जख्मी व्यक्ति की खबर ही नहीं थी, जिसकी असल पुष्टि क्षेत्र के एक वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा समाचार आदान प्रदान से संबंधित वाट्स ऐप ग्रुपों में जानकारी देते हुए की गई, कि शुक्रवार दिनांक 19.07.2024 की सुबह उन्होंने जब वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ में घटित घटना की जानकारी लेने के लिए वन विभाग से संपर्क किया जहां उन्हें जानकारी देने के बजाय खुद उक्त वनकर्मी ने कोई जानकारी ही नहीं होने की बात कह दी, क्या इसे वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ की निष्क्रियता और लापरवाही ना कहीजाए? इन्हीं सब मसलों पर जब पत्रकारों द्वारा वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ के रेंजर से मुलाकात कर इस पूरी घटना की जानकारी चाही गई जिस पर रेंजर साहब आग बबूला होते हुए पत्रकार को जवाब देने से सीधा मना कर दिया, इन दिनों रेंजर साहब के कारनामों की पूरी गाथा अखबारों के सुर्खियां बनी हुई हैं, रेंजर साहब इतने नाराज़ है कि रेंजर साहब के वन परिक्षेत्रों के संबंध में किसी भी तरह के मसलों पर वर्ज़न या बाईट देने से परहेज़ करते नज़र आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ वन मंडल मनेंद्रगढ़ के वन मंडलाधिकारी महोदय द्वारा सवाल करने वाले पत्रकारों को ही सीधे ब्लॉक कर दिया जा रहा है, तो अब जवाब मांगे भी किससे? वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ के मामले इतने गंभीर और कमियों के बावजूद भी रेंजर के कारनामों की सुचि खत्म ही नहीं हो रही लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान ना लेना पूरे वन विभाग को सवालों के घेरों में लिया हुआ है। अब यह तो आगे देखने वाली बात होगी कि वन परिक्षेत्र मनेंद्रगढ़ रेंजर के इस तरह के लापरवाहियों और निष्क्रियता पर उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही होती भी है या नहीं और अगर होती है तो किस तरह की कार्रवाई और कब तक यह देखने वाली बात होगी

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