रोजी-रोटी के लिए बाहर काम करने गए मझौली के 5 युवकों गई जान।
फेल हो रही शासन की महत्वाकांक्षी नरेगा योजना।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
भले ही चाहे लाखों, करोड़ों, अर्बो की राशि गरीब मजदूरों के रोजी-रोटी के लिए लाई गई मनरेगा योजना की राशि मशीन मालिकों कमीशनखोरी की भेंट चढ़ रही हो लेकिन यह योजना गरीब मजदूरों के लिए सार्थक सिद्ध नहीं हो रही है क्षेत्र के अधिकांश लोगों को रोजी-रोटी के तलाश में बाहर जाना पड़ रहा है।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब दो वक्त की रोटी ने पूरे परिवारों की खुशियां पल भर में छीन ली। विगत कुछ वर्षों में न जाने कितने नवयुवकों की रोजी-रोटी के तलाश में जान जा चुकी है। हाल ही में सूरत के पांच मंजिला इमारत देने से सीधी जिले के मझौली जनपद पंचायत के पांच युवकों की जान चली गई है जिससे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। जिसमें मझौली नगर परिषद के अभिलाष पिता छोटेलाल केवट वार्ड क्रमांक 6 उम्र 32 वर्ष भी शामिल है। जिनकी मृत्यु से पत्नी का रो-रो कर हाल बेहाल है तो मां बोली कि हे भगवान, पहले मेरी मांग सूनी हुई और अब बहू मांग सूनी कर दी। यह सब देखने से पहले मुझे क्यों नहीं पूछ लेते।यह कहते हुए मृतक की मां सुखरजुआ बेटे की बातों को याद कर रोने लगी। मां की ममता को देख सभी की आंखें नम हो गई। वही चार लोग मझौली जनपद क्षेत्र के अलग-अलग ग्राम पंचायत के बताई जा रहे हैं जिनके परिवार परिवार का भी रो -रो कर हाल बेहाल है।स्वजन शव आने का इंतजार कर रहे हैं। सोमवार देर रात तक शव आने की संभावना है। प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयारी में जुटा है।बता दें कि अभिलाष केवट पुत्र छोटेलाल 32 वर्ष निवासी वार्ड 06 मझौली की मां सुखरजुआ ने बताया कि 31 साल पहले, जब बेटा अभिलाष 1 साल का था। उस दौरान मेरे पति छोटे सिंगरौली में मजदूरी करते थे। मजदूरी करने के दौरान उनकी मौत हो गई थी। आज फिर वही दिन देखने को मिला है। पेट की आग ने मेरे घर को जला दिया।
रोते बिलखते हुए मां कह रही थी कि गरीबी के कारण बेटा सूरत मजदूरी करने पिछले कई वर्ष से जा रहा है। उसी की आमदनी से पूरे घर की परवरिश हो रही थी। शनिवार को 4 बजे फोन उसकी पत्नी शशिकला को हादसे की जानकारी दी गई। अभिलाष की 3 बेटियां हैं, जो 6 वर्ष, 4 वर्ष एवं 10 माह की हैं। अन्य चार मृतकों की समुचित जानकारी एकत्रित कर अगले अंक में प्रकाशित किया जाएगा।