Breaking News in Primes

महर्षि दधीचि के पुत्र पिपलाद ने यहां की थी तपस्या

0 437

मध्य प्रदेश

 

लोकेशन धर्मपुरी

 

*महर्षि दधीचि के पुत्र पिपलाद ने यहां की थी तपस्या*

 

*रामछज्जा धाम पहला शिव मंदिर जहां श्री यंत्र पर विराजमान है शिव पार्वती*

 

 

 

धामनोद/ मोनू पटेल

 

करीब 5000 वर्ष पूर्व बना रामछज्जा धाम में शिव मंदिर खलघाट से मात्र तीन किलोमीटर दूर धरमपुरी मार्ग पर स्थित पिपलदा गड़ी गांव के समीप है मंदिर के महामंडलेश्वर नरसिंहदास महाराज के अनुसार सदियो पूर्व उपरोक्त मंदिर की स्थापना हुई थी यह मंदिर प्राचीनकाल से ही ऋषि-मुनियों की स्थली रहा है बताया जाता है कि महर्षि दधीचि के पुत्र पिपलाद यहां आकर तपस्या करते थे इसी से इस गांव का नाम पीपल्दा गड़ी पड़ा इसी जगह पर प्राचीनतम शिव पार्वती की अद्भुत मूर्ति है जो श्री यंत्र पर विराजमान है क्षेत्र में सबसे प्रमुख आश्रम में माने जाने वाले इस धाम की महत्ता अलौकिक अद्भुत एवं प्राचीनतम है इसी मंदिर में श्री यंत्र पर विराजमान शिवलिंग के साथ-साथ प्राचीनकाल की नृत्य मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है पूर्व में आश्रम के दिवंगत महामंडलेश्वर मोनी बाबा द्वारा स्थापित माता जगदंबा देवी की भी अद्भुत मूर्ति भी है

 

 

शिव पार्वती मंदिर के पास के आसपास स्थित है प्राचीनतम मूर्तियां ///

मंदिर के पास सबसे प्राचीनतम शिव मंदिर के आसपास खंबे एवं प्राचीनतम कई पुरातन मूर्ति है बताया जाता है कि आदि काल में यह संतों की साधना स्थली रही है शिव मंदिर के महंत जीवनदास महाराज केबताए अनुसार यंहा शिव पार्वती के अतिरिक्त लक्ष्मी नारायण भगवान की मूर्ति भी है बताया जाता है कि मंदिर के ठीक नीचे एक गुफा में और मंदिर भी है जहां पर आदि काल में संत तपस्या करते थे उपरोक्त गर्भ ग्रह में स्थापित इस गुफा में स्थित इस मंदिर में अब प्रवेश निषेध है

 

 

नर्मदा तट पर स्थित हे गंगेश्वर महादेव शिवलिंग//

आश्रम के ठीक नीचे महज 200 मीटर दूरी पर सरल सलिल मां नर्मदा की धारा बहती है जहां पर सबसे प्राचीनतम गंगेश्वर महादेव का शिवलिंग है यह शिवलिंग नदी के बीच स्थित होकर पुरातन है माना जाता है कि उपरोक्त शिवलिंग का अभिषेक खुद मा नर्मदा करती है माना जाता है कि वृहद में यहां मंदिर रहा होगा विगत कुछ वर्षों पहले पुरातत्व विभाग ने पत्थरों पर अंकित प्रतिमाओं को काटकर निंबोला घाटी में पुनर्वास स्थल पर स्थापित कर दिया

 

 

 

वन्य प्राणियों की मधुर आवाज चारों तरफ गूंजती है//

 

आश्रम के आसपास घने जंगल में मोर पपैया आकर नृत्य करते हैं उनकी मधुर आवाज से आश्रम एवं आसपास का वातावरण मधुर हो जाता है साथ-साथ मंदिर के ठीक पास गौशाला है जहां गाये है उपरोक्त गौशाला एवं आश्रम की देखरेख मोनी बाबा आश्रम संत एवं गौ सेवा समिति के 11 सदस्य करते हैं मंदिर के आसपास के जंगलों में नीलगाय एवं अन्य कई वन्य प्राणी देखने को मिलते हैं

 

 

संतों की तपोभूमि रही राम छज्जा धाम?/

बताया जाता है कि यह जगह आदि काल से संत की तपोस्थली रही है लेकिन करीब 60 वर्ष पूर्व आश्रम की देखरेख करने मोनी बाबा आए थे जिन्होंने आश्रम को करीब 45 वर्ष तक संचालित । करीब 15 वर्ष पूर्व मोनी बाबा का देवलोक गमन हो गया बाद महामंडलेश्वर नरसिंह दास महाराज तथा आश्रम के महंत जीवन दास उनका सहयोग करते हैं

 

 

मन्नत धारी अन्य प्रदेशों से आते हैं//

 

माना जाता है कि मां नर्मदा के तट पर स्थित श्री यंत्र पर स्थित शिव पार्वती की मूर्ति से यदि कोई भी अपनी मन्नत मांगता है तो वह जरूर पूरी होती है यहां पर गुजरात मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान के साथ-साथ देश के कई अन्य प्रदेशों से मन्नत धारी आकर मन्नत पूरी करते हैं कुछ मन्नत धारियों ने बताया कि श्री यंत्र पर विराजमान शिव पार्वती की का मंदिर पूरे देश में कहीं नहीं है

 

बरसात में अलौकिक सौंदर्य झलकता है//

 

वैसे मंदिर की सुंदरता पूरे वर्ष बनी रहती है लेकिन बरसात में उपरोक्त धाम की खूबसूरती और बढ़ जाती है वन्य प्राणियों के साथ-साथ हरियाली से आच्छादित इस जगह पर प्रकृति अपनी सुंदरता बिखेरती है मां नर्मदा की धारा मंदिर से प्रभावित होती दिखाई देती है यह सुंदर दृश्य क्षेत्र में सिर्फ इसी जगह पर देखने को मिलता है जहां आस-पास से सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं साथ-साथ प्रति वर्ष गुरु पूर्णिमा दोनों नवरात्रि पर्व मोनी बाबा की पुण्यतिथि पर यहां पर भंडारे का आयोजन होता है

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!