सीहोर जिलें के ज्यादातर शासकीय में चल रहा मनमर्जी का खेल
सीहोर के चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय का कारनामा
मनीष कुमार राठौर 8109571743
भोपाल / सीहोर । मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की उच्च शिक्षा व्यवस्था इतने निम्न स्तर पर पहुंच गई है कि यहां पर संचालित हो रहे हैं शासकीय कॉलेजों में अपनी मनमर्जी से मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अपनी मनमर्जी से कर्मचारियों की नियुक्ति में गोलमाल किया जा रहा है । आपकी जानकारी के लिए बता दे की सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि केवल दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को ही स्थाई कर्मी घोषित किया जाए और उन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से उनके स्तर का ही काम कराया जाए परंतु प्राईम संदेश के सूत्रों ने बताया कि चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय ठीक इसके विपरित कार्य कर रहा है । जहा पर विभाग के आदेश में चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगी को स्थायिकर्मी के आदेश दिए और इस कॉलेज ने चतुर्थ श्रेणी के स्थायिकर्मी श्रमिक से लिपिकीय कार्य ओर कार्यालय सहायक जैसे पदों का कार्य कराया जा रहा है। जोकि तृतीय श्रेणी कर्मचारी के काम है। अब यह सोचनीय प्रश्न है कि ऐसे में यदि इन्हें चतुर्थ श्रेणी श्रमिक के पद पर आदेशानुसार स्थाई किया गया है तो फिर तृतीय श्रेणी कर्मचारी का काम कैसे और किससे कराया जा सकता है । यदि ये लोग तृतीय श्रेणी कर्मचारी है तो इन्हें चतुर्थ श्रेणी श्रमिक कर्मचारी के पद पर स्थायी कैसे किया गया है। जबकि इन कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च न्यायालय के कई फसलों का हवाला देते हुए महाविद्यालय को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि वह किस प्रकार से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा जिसके बाद भी मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए प्राचार्य चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय सीहोर में नियमों को ताप पर रखकर नियुक्ति व कार्यों का विभाजन किया जा रहा है । आपको बता दें कि इस महाविद्यालय के द्वारा ऐसे कई आदेश निकल गए हैं जिसमें कुशल श्रमिक स्थाई कर्मी और अकुशल श्रमिक स्थाई कर्मी के कार्यादेश में हेराफेरी की गई है ।
कैसे जनभागीदारी समिति की राशि का कर रहे दुर्पयोग ?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इन कंप्यूटर ऑपरेटरों को लैब टेक्निशियन के पदों भर्ती किया गया है जोकि तृतीय श्रेणी कर्मचारी के पद है।ओर साथ ही स्थायीकरण के आदेश पत्र में स्पष्ट है कि उल्लिखित स्थायीकरण के सभी नियमो का पूर्ण परीक्षण करने के बाद महाविद्यालय में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने पर ही नियम अनुसार स्थाई कर्मी की प्रक्रिया को क्रियान्वित किया जाए। जिसका मतलब यह हुआ कि जिन्हें भी स्थाई कर्मी घोषित किया जाएगा उनके वेतन का पूरा खर्च महाविद्यालय की जनभागीदारी/स्ववित्तीय समिति द्वारा वहन किया जाएगा। जबकि महाविद्यालय की जनभागीदारी/स्ववित्तीय समिति में महाविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के द्वारा जो फीस जमा की जाती है वही जनभागीदारी/स्ववित्तीय समिति की आय का एकमात्र वित्तीय संसाधन हैं। नियम अनुसार जनभागीदारी/स्ववित्तीय समिति का पैसा केवल छात्र-छात्राओं के अध्ययन हेतु खर्च किया जाना चाहिए,
लेकिन महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को सुविधा उपलब्ध न करते हुए गलत तरीके से स्थाई कर्मियों के वेतन पर खर्च करने का काम किया गया है ।
क्या कहना है ।
शाम 4.20 मिनट पर कॉल किया गया परन्तु कॉल लगा नही ।
डॉक्टर शील चंद्र गुप्ता, प्राचार्य चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय सीहोर