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किरंदुल में सतगुरु बाबा घासीदास जी की 269वीं जयंती श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई”

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किरंदुल में सतगुरु बाबा घासीदास जी की 269वीं जयंती श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई”
किरंदुल: लौहनगरी किरंदुल में सत गुरु बाबा घासीदास सेवा समिति के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सतगुरु बाबा घासीदास जी की 269वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और धूमधाम के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता देखने को मिली।
जयंती समारोह की शुरुआत नगर में भव्य श्वेत ध्वज रैली के साथ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन, युवा एवं श्रद्धालु शामिल हुए। इसके पश्चात फुटबॉल ग्राउंड स्थित भवन में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के अधिशासी निदेशक रविंद्र नारायण द्वारा जय स्तंभ पर ध्वजारोहण एवं पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रविंद्र नारायण तथा नगर पालिका परिषद किरंदुल की अध्यक्ष रूबी शैलेंद्र सिंह उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता दंतेवाड़ा जिले के अतिरिक्त कलेक्टर राजेश कुमार पात्रे ने की। कार्यक्रम में के.पी. सिंह (मुख्य महाप्रबंधक, उत्पादन), एस सुब्रमण्यम (मुख्य महाप्रबंधक, संयंत्र), एस के पांडे (सिविल प्रमुख), ए के सिंह (सचिव, इंटक), राजेश संधू (सचिव, एसकेएमएस), देवरालू (अध्यक्ष, एसएमएस), शैलेंद्र सिंह (पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष), शशिभूषण महापात्र, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, एसटी-एससी कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारी, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं पत्रकारगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विश्वप्रसिद्ध पंथी लोकनृत्य रहा। अविहारा, जिला दुर्ग से आए नवयुवक पंथी दल के कलाकारों ने अपनी सशक्त और ऊर्जावान प्रस्तुति से समूचे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उनकी प्रस्तुति ने उपस्थित नगरवासियों का भरपूर तालियां बटोरीं। इस अवसर पर सतनामी समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर पुरस्कार प्रदान किए गए। बाबा घासीदास सेवा समिति किरंदुल के अध्यक्ष देवनारायण ने बाबा घासीदास जी के जीवन, विचारों और उनके “सत्य ही परम धर्म” के संदेश पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि रविंद्र नारायण ने अपने संबोधन में कहा कि किरंदुल एक “मिनी भारत” की तरह है, जहां विभिन्न समुदायों के लोग एक-दूसरे के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। यह आपसी भाईचारे, सामाजिक समरसता और एकता की सशक्त मिसाल है।कार्यक्रम का सफल एवं प्रभावशाली मंच संचालन त्रिलोक बांदे द्वारा किया गया। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थितजनों के लिए रात्रि भोज की व्यवस्था की गई, जिससे आयोजन सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ।

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