हवाला के नोटों में दब गई ईमानदारी की आवाज़
छोटे निलंबित, बड़े सुरक्षित — बंडोल से उठे सवालों का पहाड़
हवाला के नोटों में दब गई ईमानदारी की आवाज़
छोटे निलंबित, बड़े सुरक्षित — बंडोल से उठे सवालों का पहाड़
दैनिक प्राइम संदेश न्यूज़ योगेश गढ़वाल 9981781200
सिवनी । 2 करोड़ 96 लाख की लूट या हवाला? सवालों के घेरे में CSP पूजा पांडे और बंडोल पुलिस 8 अक्टूबर 2025 की रात्रि में बंडोल पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध वाहन में भारी मात्रा में अवैध सामग्री जा रही है। सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वाहन को रोका, जिसमें सूत्रों के अनुसार 2 करोड़ 96 लाख रुपए की राशि बरामद हुई, जो हवाला की बताई जा रही है। इस पूरे मामले में जब पत्रकार बंधुओं ने अनुविभागीय अधिकारी सिवनी नगर CSP पूजा पांडे से संवाद करने की कोशिश की, तो उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देना उचित नहीं समझा। सूत्रों का दावा है कि आरोपियों को डेढ़ करोड़ रुपए CSP पूजा पांडे और बंडोल पुलिस टीम द्वारा लौटाए जा रहे थे, जबकि शेष राशि का बंदर बाट करने की तैयारी थी। लेकिन मुखबिर तंत्र से मिली जानकारी पर मीडिया मौके पर पहुंची, जिससे पूरा मामला उजागर हो गया। पत्रकारों ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार को भी अवगत कराया, किंतु अपेक्षित कार्रवाई न होने पर सूचना आईजी जोन जबलपुर एवं डीआईजी को दी गई। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा केवल छोटे कर्मचारियों पर औपचारिक कार्रवाई कर बड़े भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की कोशिश ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, आखिर 2 करोड़ 96 लाख रुपए की बरामद राशि लूट थी या हवाला का खेल, और क्यों CSP पूजा पांडे ने मीडिया से संवाद करना उचित नहीं समझा ?
2 करोड़ 96 लाख की बरामदगी पर कार्रवाई — छोटे निलंबित, बड़े मौन?
बंडोल प्रकरण में जहां हवाला जैसी बड़ी रकम की बरामदगी ने पूरे जिले की पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं ? वहीं कार्रवाई के नाम पर केवल निचले स्तर के पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है। निलंबित पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक अर्पित भैरम, प्रधान आरक्षक माखन, प्रधान आरक्षक रविन्द्र उईके, आरक्षक जगदीश यादव, आरक्षक योगेन्द्र चौरसिया, आरक्षक चालक रितेश, आरक्षक नीरज राजपूत, आरक्षक केदार, एवं आरक्षक सदाफल शामिल हैं। सवाल यह उठता है कि जब कार्रवाई का दायरा इतना व्यापक मामला है, तो अनुविभागीय अधिकारी सिवनी नगर CSP पूजा पांडे सहित वरिष्ठ अधिकारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यदि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ तो उच्च स्तर पर उसकी जानकारी या अनुमति के बिना संभव कैसे हुआ? वहीं पुलिस विभाग का पक्ष यह भी है कि जांच प्रक्रिया जारी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराकर बड़े अधिकारियों को बचाना क्या न्यायसंगत कदम है, या फिर यह एक परंपरागत “बलि का बकरा” नीति का हिस्सा? अब देखना यह होगा कि जांच वास्तव में निष्पक्ष होती है या फिर यह मामला भी “मामूली निलंबन” बनकर फाइलों में दफ्न हो जाता है।
बंडोल कांड में न्याय अधूरा — बड़े अफसर सुरक्षित, छोटे बने बलि का बकरा
बंडोल कांड में 2 करोड़ 96 लाख रुपए की बरामदगी के बाद जहां निचले स्तर के पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया, वहीं वरिष्ठ अधिकारियों पर कोई कार्यवाही न होना पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सूत्रों के अनुसार निलंबित कर्मचारी केवल अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन कर रहे थे, उससे अधिक कुछ नहीं। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि CSP पूजा पांडे और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी अब तक जांच के घेरे से बाहर क्यों हैं? यदि आदेश ऊपर से दिए गए थे, तो जवाबदेही केवल नीचे क्यों तय की जा रही है? DGP कैलाश मकवाना जी, यदि आप यह खबर पढ़ रहे हैं, तो अपेक्षा है कि आप सिवनी जिले के दोषी वरिष्ठ अधिकारियों पर भी न्यायसंगत कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे, ताकि यह संदेश जाए कि वर्दी का सम्मान तभी रहेगा जब न्याय हर स्तर पर समान रूप से किया जाएगा।
हवाला कांड में बड़ा खेल—छोटे गुनहगार नहीं, आदेश देने वाले बड़े अफसर भी कसूरवार
2 करोड़ 96 लाख रुपए के चर्चित हवाला कांड में अब नए खुलासे सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी छिंदवाड़ा रेंज के प्रमुख एवं सिवनी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पहले से थी, और उन्हीं के आदेशों का पालन निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया था। बावजूद इसके, कार्रवाई का दायरा केवल छोटे पुलिसकर्मियों तक सीमित रखा गया है, जिससे पुलिस विभाग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। खबर के माध्यम से माननीय महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना जी से निवेदन है कि यदि सजा हो तो सब पर समान रूप से हो — क्योंकि जितने गुनहगार छोटे अधिकारी हैं, उससे कहीं अधिक दोषी वरिष्ठ अधिकारी हैं जिन्होंने आदेश दिए। अब समय है कि कार्यवाही “न्यायसंगत” हो, ताकि शहर में चर्चित 2 करोड़ 96 लाख हवाला कांड की कहानी जनता सच मानकर हजम कर सके, न कि इसे एक और “दबाया गया मामला” समझे।
खबर लिखे जाने तक की कार्रवाई
सिवनी में हवाला कांड: 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड, सीएसपी का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में कटनी से नागपुर जा रहे तीन करोड़ रुपये के हवाले की बंदरबांट मामले में नौ पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं। सूत्रों की माने तो इसमें सीएसपी पूजा पांडे के कार्यालय के सभी पुलिसकर्मी शामिल हैं और पूजा पांडे के सस्पेंशन का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया है। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया था कि मामले के अनुसार, सिवनी पुलिस ने पहले पूरी राशि छीनकर आरोपियों को भागा दिया, जब नागपुर के व्यापारी ने रकम मांगी तो उन्हें केवल आधी राशि दी गई और बाकी रख ली। खबर मीडिया तक पहुँचने पर पुलिस ने डेढ़ करोड़ रुपये इनकम टैक्स विभाग को सौंप दिए हैं।