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अपर मुख्य सचिव ने “कर्मयोग, मद्यनिषेध एवं विकसित भारत” विषय पर आयोजित संगोष्ठी का किया शुभारम्भ

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

श्रेष्ठ कर्म वहीं है, जो समाज के लिए हो हितकारी-अपर मुख्य सचिव, व्यक्ति का विवेक ही, व्यक्ति को महान बनाता है।

कौशाम्बी: अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण एवं सैनिक कल्याण विभाग, उ.प्र. शासन तथा महानिदेशक उपाम श्री एल. वेंकटेश्वर लू ने आज जिला पंचायत रिसोर्स सेन्टर में आयोजित “कर्मयोग, मद्यनिषेध एवं विकसित भारत” के सम्बन्ध में प्रधानाचार्यों/अध्यापकों, अधिकारियों व अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ आयोजित संगोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
अपर मुख्य सचिव ने “कर्मयोग” विषय पर कहा कि हम सभी को समय का सदुपयोग करना चाहिए। समय का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए, समय के सदुपयोग से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर अपना जीवन सफल बना सकता है। मोबाइल का अधिक उपयोग या बिना आवश्यकता का उपयोग नहीं करना चाहिए। मोबाइल का सदुपयोग शिक्षा एवं स्वास्थ्य की जानकारियों आदि सकारात्मक कार्यों के लिए ही करना चाहिए। उन्हांने मा. मुख्यमंत्री जी की महत्वपूर्ण पहल अभ्युदय कोचिंग की जानकारी देते हुए कहा कि इस कोचिंग का लाभ उठाकर अनेक बच्चां ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है। बहुत से बच्चें लाभ प्राप्त कर शिक्षा/प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें है। शिक्षा प्राप्त कर अपने परिवार के साथ ही समाज को भी सकारात्मक दिशा प्रदान करें। उन्हांने अध्यापकों से कहा कि आमजन को सकारात्मक सोच के प्रति जागरूक करें। श्रेष्ठ कर्म वहीं है, जो समाज के लिए हितकारी हो। वह समाज श्रेष्ठ होगा, जहॉ अधिक कर्मयोगी व्यक्ति होंगे। जो कर्मयोगी होता है, वह भगवान का प्रिय होता है। भगवान उसकी मदद करते हैं, जो व्यक्ति समाज हितकारी कार्य करता है, भगवान उसकी मदद करते हैं। कर्मयोगी ही जीवन का असली आनन्द पाता हैं। उन्होंने कहा कि आप लोग यहॉ से जाये ंतो अपने साथ यह संकल्प लेकर जायें कि अपने विवेक, विचार, सही खान-पान, समय का सदुपयोग कर अपने जीवन को सफल बनाना है।


अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जो भी नशा की ओर जाएगा, उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। शास्त्रों में मद्यपान को पाप कहा गया है। जो व्यक्ति अपने जीवन का सदुपयोग करता है, वह निरन्तर आगे बढ़ता है। दूसरों की गलतियों से भी सीखा जा सकता हैं। प्रकृति नियमों पर चलती है, नियमों से बधीं हैं, जो गलत करेंगा, उसका दुष्परिणाम भी वह भोगेंगा। अपने कर्म को सही रखें, अनुशासन का जीवन जियें। सही खान-पान अपनायें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा कि आमजन को सही खान-पान के प्रति जागरूक किया जाय। व्यक्ति का विवेक ही बताता है कि वह जो कर रहा है, सही कर रहा है, या गलत कर रहा है। व्यक्ति का विवेक ही, व्यक्ति को महान बनाता है। शराब के सेवन से व्यक्ति का विवेक ही समाप्त हो जाता है। आपके गलत आदतों का प्रभाव आपके परिवार के साथ ही समाज पर भी पड़ता है। अपने जीवन को सार्थक बनायें। समाज हित व देशहित में कार्य करें।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी, राज्य मद्यनिषेध अधिकारी, क्षेत्रीय मद्यनिषेध अधिकारी सहित प्रधानाचार्य/अध्यापकगणों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रवक्ता राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय करारी मानवेन्द्र तिवारी द्वारा प्रस्तुत विचार से अपर मुख्य सचिव बहुत प्रभावित हुए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी, राज्य मद्यनिषेध अधिकारी राम लोटन राजवंशी, जिला समाज कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार, जिला पंचायतराज अधिकारी अनिल कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण तथा विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य/अध्यापकगण व छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं।

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