Breaking News in Primes

दिल दहला देने वाला खुलासा: सिवनी जिला चिकित्सालय का ट्रॉमा सेंटर 24 घंटे ठप

NSCU वार्ड की लापरवाही से नवजातों की जान पर खतरा, नोडल

0 9

दिल दहला देने वाला खुलासा: सिवनी जिला चिकित्सालय का ट्रॉमा सेंटर 24 घंटे ठप

 

NSCU वार्ड की लापरवाही से नवजातों की जान पर खतरा, नोडल

 

अधिकारी डॉक्टर पारस पटेरिया की उदासीनता उजागर!

 

दैनिक प्राईम संदेश::सिवनी

संवाददाता योगेश गढ़वाल:9981781200

 

जिला सिवनी में मेडिकल कॉलेज खुले एक साल से ज्यादा बीत चुका है और शासन ने चिकित्सकों की नियुक्ति भी कर दी है, फिर भी जिला अस्पताल का 24 घंटे ट्रॉमा सेंटर आज तक चालू नहीं हो पाया। नेशनल हाईवे से जुड़े सिवनी में रोज़ाना सड़क हादसों के गंभीर मरीज पहुंचते हैं लेकिन सर्जिकल और ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट ड्यूटी पर नहीं मिलते, जबकि यही डॉक्टर शहर के प्राइवेट अस्पतालों में आराम से परमानेंट प्रैक्टिस करते नजर आते हैं। मजबूरी में प्रशासन SNCU वार्ड के डॉक्टरों को आकस्मिक चिकित्सा में ड्यूटी करने पर दबाव डालता है, जिससे नवजात शिशुओं की जान खतरे में है और लाखों-करोड़ों की सरकारी योजनाएं ध्वस्त हो रही हैं। NSCU वार्ड के नोडल अधिकारी डॉक्टर पारस पटेरिया खुद समय पर अस्पताल में नहीं मिलते, वार्ड स्टाफ और मरीज सिर्फ नसों के भरोसे इलाज कराने को मजबूर हैं। स्त्री प्रसूति विभाग के डॉक्टर भी 24 घंटे सेवाएं नहीं देते, जिसकी वजह से कई गर्भवती महिलाएं दम तोड़ चुकी हैं। जिला अस्पताल की यह हालत प्रशासन की नाकामी और डॉक्टर पारस पटेरिया की लगातार लापरवाही का जीता-जागता सबूत है।

 

 

 

*सिवनी स्वास्थ्य सेवाओं पर गहराता संकट: पटेरिया परिवार की छवि पर उठे सवाल*

 

जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्था और ट्रॉमा सेंटर की 24 घंटे सेवा न होने से जनता में रोष बढ़ता जा रहा है, वहीं डॉ. पारस पटेरिया, जो नशा मुक्ति अभियान और धार्मिक छवि के लिए जाने जाते हैं, नवजात शिशुओं के इलाज में लापरवाही के आरोपों को लेकर जनता का विश्वास जीतने में नाकाम दिख रहे हैं। उनकी माता और पूर्व सांसद श्रीमती नीता पटेरिया भी सिवनी लोकसभा क्षेत्र में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बावजूद जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में असफल मानी जा रही हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में संसाधन होने के बावजूद सेवाओं की कमी मानवीय दृष्टिकोण पर गहरी चोट कर रही है, जिससे पटेरिया परिवार की राजनीतिक और सामाजिक साख पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

 

*सिवनी SNCU वार्ड में संसाधनों की कमी: नवजात शिशुओं की सुरक्षा पर खतरा, नोडल अधिकारी पर उठे सवाल*

 

 

जिला अस्पताल सिवनी के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में नवजात शिशुओं की जीवन रक्षा के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी गंभीर चिंता का विषय बन गई है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे वार्ड में हमेशा रेडिएंट वार्मर, फोटोथेरेपी यूनिट, ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम, CPAP मशीन, इन्फ्यूजन पंप, सीरिंज पंप, मल्टीपैरामीटर मॉनिटर, सक्शन मशीन, ब्लड गैस एनालाइज़र, नेबुलाइज़र, ऑक्सीजन सिलेंडर, इमरजेंसी रेससिटेशन किट और सेंट्रल हीटिंग/कूलिंग सिस्टम जैसी अत्याधुनिक मशीनें व दवाइयाँ उपलब्ध रहनी चाहिए। यह भी जरूरी है कि हर समय प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ और बाल रोग विशेषज्ञ तैनात हों। इन सभी व्यवस्थाओं की देखरेख और समय पर संचालन की जवाबदारी SNCU के नोडल अधिकारी डॉ. पारस पटेरिया पर है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि मशीनों की नियमित जांच, पर्याप्त दवा स्टॉक और 24 घंटे विशेषज्ञ उपलब्धता सुनिश्चित न होने से नवजातों की जान खतरे में पड़ रही है।

 

 

*SNCU वार्ड की सीमाओं पर खुला सच: नोडल अधिकारी डॉ. पारस पटेरिया का चौंकाने वाला जवाब*

 

 

जिला अस्पताल सिवनी के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में नवजात शिशुओं की देखभाल और सुविधाओं को लेकर जब नोडल अधिकारी डॉ. पारस पटेरिया से उनकी सेवा अवधि में उपलब्धियों और उत्कृष्ट कार्यों के बारे में पूछा गया, तो वे स्पष्ट जानकारी देने से बचते नज़र आए। उन्होंने केवल इतना कहा कि “यहाँ बच्चों के पेट में गंदा पानी जाने और निमोनिया का ही इलाज होता है, बाकी गंभीर बीमारियों का उपचार करने में हम सक्षम नहीं हैं।” यह बयान न केवल SNCU वार्ड की सीमित तैयारी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं के लिए समुचित और व्यापक चिकित्सा सुविधा अब तक विकसित नहीं हो पाई है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!