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बालू माफियाओं को बढ़ावा देकर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले खनन अधिकारी के संपत्ति की जांच की मांग

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हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी

*पभोषा महेवा घाट जमुनापुर सहित विभिन्न क्षेत्र में अवैध बालू भंडारण कर बड़ा-बड़ा पहाड़ बना दिया गया*

*बार-बार शिकायत के बाद बालू वाहनों पर होती है कार्यवाही माफियाओं को दिया जाता है संरक्षण*

*कौशांबी:* जिले के यमुना नदी के विभिन्न घाटों से अवैध तरीके से बालू मोरंग का खनन 9 महीना तक लगातार चलता रहता है इसी बीच इतने बड़े-बड़े पहाड़ जैसे बालू का भंडार कर जगह जगह डंप बनाए जाते हैं जिससे बाकी दिनों में अधिक कीमत में बेचा भी जाता है यमुना नदी के विभिन्न बालू घाट से करोड़ों रुपए का बालू का अवैध खनन प्रतिदिन माफिया करते हैं और सब कुछ खुलेआम होने के बाद खनन अधिकारी पर्दे के पीछे से माफियाओं को संरक्षण देते हैं जिससे बालू माफियाओ पर ठोस कार्रवाई नहीं होती जब कभी शिकायत के बाद शासन प्रशासन ने खनन अधिकारी पर दबाव बनाया तो कुछ वाहनों पर कार्यवाही करके मामले में लीपापोती कर दी जाती है लेकिन बालू घाट से खनन करने वाले माफियाओ पर कार्रवाई नहीं होती माफियाओं से गठजोड़ के आड़ में खनन अधिकारी ने अकूत संपत्ति अर्जित की है खनन अधिकारी की अकूत संपत्ति की भ्रष्टाचार निवारण संगठन से जांच कराए जाने की आवाज बुलंद हुई है यमुना नदी से बालू के अवैध खनन के आड़ में कुछ वर्षों के बीच हजारों करोड़ों की संपत्ति दो दर्जन माफियाओ ने अर्जित की है लेकिन इन दो माफियाओं पर कभी भी गुंडा एक्ट गैंगस्टर एक्ट 14 ए की कार्यवाही भी प्रशासन ने नहीं है यह बालू माफिया हमेशा सत्ता पक्ष के नेताओं की गोद में खेलते हैं।

जिले में खनन विभाग की लापरवाही और मिलीभगत से अवैध बालू भंडारण का बड़ा खेल तेजी से शुरू हुआ है। सराय अकिल थाना क्षेत्र के उसमानपुर गांव के पास एक ही लाइसेंस पर दो लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर बालू का अवैध भंडारण किया गया है। इसी तरह पभोषा महेवा घाट जमुनापुर सहित विभिन्न क्षेत्र में अवैध बालू भंडारण कर बड़ा-बड़ा पहाड़ बना दिया गया है यह सब कुछ खनन इंस्पेक्टर की जानकारी में होते हुए भी कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। मामला एक के नाम से जारी लाइसेंस से जुड़ा है। लाइसेंसधारी की आड़ में दूसरे लोगों को भी बालू भंडारण की खुली छूट दी गई है। इलाके के लोग बताते हैं कि आए दिन खनन विभाग का निरीक्षण दल मौके पर पहुंचता है, लेकिन अवैध भंडारण को बंद करने के बजाय बालू कारोबारियों से मोटी रकम वसूलकर औपचारिक कार्रवाई कर दी जाती है नागरिकों का कहना है कि जब लगातार खबरें चल रही हैं और अवैध कारोबार की जानकारी खनन अधिकारियों तक पहुंच रही है, तब भी विभाग का ढुलमुल रवैया यह दर्शाता है कि पूरा खेल विभागीय मिलीभगत से चल रहा है। यही वजह है कि अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं और वह बिना किसी डर-खौफ के खुलेआम नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। योगी सरकार जहां प्रदेश भर में खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त अभियान चलाने का निर्देश दे रही है, वहीं कौशाम्बी में विभागीय अधिकारी सरकार की नीतियों को ठेंगा दिखा रहे हैं। सवाल यह है कि जब जिम्मेदार अधिकारी ही नियम तोड़ने वालों को संरक्षण देंगे, तो अवैध कारोबार पर रोक कैसे लगेगी? आमजन का आरोप है कि अवैध भंडारण से न केवल शासन को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है बल्कि यमुना नदी के पर्यावरण और जल संरक्षण को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है क्षेत्रीय लोगों ने शासन-प्रशासन से इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि केवल छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। अगर समय रहते इस पर लगाम नहीं लगी तो कौशाम्बी जिले में अवैध खनन और बालू भंडारण का यह खेल आने वाले दिनों में और बड़े स्तर पर फैल सकता है, जिससे सरकार की साख पर भी सवाल उठना तय है।

 

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