दशहरा एवं दिवाली मेला के अवसरों पर सार्वजनिक स्थलों में कार्यक्रमों के आयोजन पर मजिस्ट्रेट से लेनी पड़ेगी अनुमति: संजय गिरि
News By- नितिन केसरवानी
प्रयागराज: दशहरा उत्सव एवं दिवाली मेला अवसरों पर किसी भी सार्वनजिक स्थल, होटल, क्लब, बैंक्विट हाल, आडिटोरियम, खेल के मैदान आदि में प्रदर्शनी, मेला, झूला, गीत, संगीत, नृत्य, डी०जे०, डांडिया या अन्य मनोरंजक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाता है तो सम्बन्धित प्रतिष्ठान पर संचालित मनोरंजक आमोद को उत्तर प्रदेश चलचित्र (विनियमन) (संशोधन) अधिनियम, 2017 द्वारा उ०प्र० चलचित्र (विनियमन) अधिनियम, 1955 की धारा-2 (क-2) में किए गये संशोधन के आधार पर आयोजन से पूर्व नियमानुसार जिला मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि उक्त संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा-4-क (1) में प्रावधानित किया गया है कि “कोई मनोरंजन, जिस पर कर उदग्रहणीय हो, चाहे वह कर भुगतान करने के दायित्व से मुक्त हो या न हो, जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना आयोजित नहीं किया जाएगा।” तथा बिना पूर्व अनुमति मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर उपरोक्त संशोधन अधिनियम की धारा-8 (क) की उपधारा-1 के अन्तर्गत रू0 20,000.00 अर्थदण्ड अथवा छः माह की कैद या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। अतएव इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से समस्त सम्भावित होटल/बैक्विट हाल/गेस्ट हाउस / गार्डेन संचालकों / स्थल स्वामियों/आयोजकों को सूचित करते हुए निर्देशित किया जाता है कि दशहरा उत्सव एवं दिवाली मेला के नाम से होने वाले कार्यक्रम की यथाविधि रूप से कम से कम 15 दिवस पूर्व समस्त अनापत्तियां / औपचारिकताओं / प्रमाण-पत्र सहित विभागीय ऑनलाइन पोर्टल http://up-gst.com/entertainmenttax/ पर आवेदन /समस्त अभिलेख अपलोड करते हुए उक्त की हार्ड कापी कार्यालय सहायक आयुक्त, राज्य कर (पूर्व मनोरंजन कर विभाग) नई बिल्डिंग कमरा नं0 13, महात्मा गांधी पार्क के पास, ए०डी०एम०, नजूल कार्यालय के सामने, कलेक्ट्रेट, प्रयागराज में प्रस्तुत करते हुए नियमानुसार अनुमति अवश्य प्राप्त करलें। अन्यथा बिना पूर्व अनुमति आयोजन किए जाने पर आयोजक /स्थल स्वामी के विरूद्ध समस्त उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उपरोक्तानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी। जिसके लिए संचालक / आयोजक / स्थल स्वामी उत्तरदायी होंगे।