मा0 राज्यपाल महोदया ने प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का किया शुभारम्भ
News By-नितिन केसरवानी
दीक्षांत समारोह में कुल 191 विद्यार्थिंयों को पदक तथा कुल 92109 छात्र-छात्राओं को दी गयी उपाधि
प्रयागराज: मा0 राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल सोमवार को प्रो0 राजेन्द्र सिंह ‘‘रज्जू भैया’’ विश्वविद्यालय में आयोजित अष्टम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। मा0 राज्यपाल महोदया ने दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर आयोजित दीक्षांत समारोह में परास्नातक, स्नातक एवं व्यवसायिक शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 92109 विद्यार्थिंयों को उपाधि प्रदान की गयी। इसके साथ ही साथ आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुल 191 विधार्थिंयों को पदक प्रदान किया, जिसमें 129 छात्राएं एवं 62 छात्र पदक प्राप्त किए।
इस अवसर पर राज्यपाल महोदया ने गोद लिए गए गांवों के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को उपहार सामग्री का वितरण किया। राज्यपाल महोदया के द्वारा जिला प्रशासन की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों हेतु उपलब्ध कराये गये 200 आंगनबाड़ी किट एवं विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराये गये 100 किट कुल 300 किटों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए प्रदान किया गया। माननीय राज्यपाल महोदया ने विभिन्न विद्यालयों में करायी गयी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के एवं अन्य विद्यालयों में अच्छा कार्य करने वाले कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया गया। माननीय राज्यपाल महोदया ने राष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार की धनराशि प्रदान किया और सम्मानित किया। मा0 राज्यपाल के द्वारा विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल महोदया ने अधिकारियों एवं शिक्षकों को उनके द्वारा स्वरचित पुस्तक ‘‘चुनौतियां हमें पसंद हैं’’ एवं इसके साथ चार अन्य पुस्तके प्रदान किए।
कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा ही जीवन सुरक्षा हैं, विषय पर आधारित-पेड़ बचाओं रे भइया पेड़ लगाओ गीत पर मनमोहक प्रस्तुती दी गयी।
मा0 राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के द्वारा प्रो0 राजेन्द्र सिंह ‘‘रज्जू भैया’’ विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया गया l
माननीय राज्यपाल महोदया ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज दीक्षांत समारोह में लगभग 200 लोगो को उपाधियां, मेडल दिए गए, मैं उन सभी लोगो को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूं। आपने जो वर्षो तक मेहनत की है, जो सीखा है, इसके लिए आपको यह डिग्री और अवार्ड प्राप्त हुए है, मैं इसके लिए सबसे पहले आपके माता-पिता को बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं एवं उनका अभिनंदन करती हूं क्योंकि आपकी बढ़ती उम्र के साथ उनकी जिम्मेदारियां एवं कठिनाईयां भी बढ़ती जाती है, फिर भी आपके सपनों को पूरा करने एवं आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहते है।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि आज के दीक्षांत समारोह में भी बेटिया मेडल व डिग्री प्राप्त करने में बेटो से आगे है, कहा कि आज नारी शक्ति आगे है और भविष्य में भी इसी प्रकार आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारा समाज नारी शक्ति की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज का परिदृश्य बदल चुका है, आगे बढ़ने के लिए सबको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। दुनिया भर में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ रही है, समस्याओं के समाधान करने का प्रयास हो रहा है और आज भारत पूरी दुनिया को मार्गदर्शन व नेतृत्व प्रदान कर रहा है। माननीय राज्यपाल महोदया ने माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा तात्कालिक समय में असम राज्य में किए गए इथेनॉल संयंत्र कार्यों को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को नए शोध के आयाम एवं क्षेत्र को खोजने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालयों को रिसर्च व पेंटेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता है। कहा कि संसाधनों का उपयोग जनकल्याण के लिए कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी समस्यायें क्या है, इसका समाधान क्या है, इसके समाधान के लिए हमें क्या करना चाहिए, कहां क्या-क्या संसाधन है, जिनका हम उपयोग कर भारत को आगेे बढ़ाने का प्रयास कर सकते है।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि हमें भारत में नया ताजमहल बनाने की आवश्यकता नहीं है, अपितु पूरे विश्व में भारत को ताजमहल की तरह चमकाना है। उन्होंने विद्यार्थिंयों में जोश भरते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आने वाले 25 वर्ष आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि युवाशक्ति संकल्प लें, तो पूरी दुनिया बदल सकती है। परंतु इसके लिए शिक्षा, समर्पण, देश के विकास की भावना, देशभक्ति की आवश्कता होती है और जब तक हम यह अपने जीवन में नहीं उतारेंगे, तब तक राष्ट्र की सेवा हम नहीं सकते हैं। आप अपनी योग्यता, ज्ञान व सेवा को केवल अपने स्वयं व परिवार तक सीमित न रखकर राष्ट्रसेवा भाव से अपनी योग्यता को पूरे देश में प्रसारित करें, जिससे पूरे देश का विकास हो सके।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरती पर मां गंगा, यमुना एवं सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान, यहां की मिट्टी, पानी में करोड़ो लोगो की आस्था है। उन्होंने कहा कि संगम की यह भूमि अनगिनत मनीषियों की विरासत है। अब आप लोगो की बारी है कि आप अपने ज्ञान, नैतिकता व सेवाभाव की परम्परा को कैसे समृद्ध करते है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों से आपका ज्ञान व आत्मविश्वास बढ़ेगा, आपके जीवन में कठिनाईयां आएंगी, इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अपने लक्ष्य को तय कर कठिनाईयों से मार्ग प्रशस्त करते हुए योजना बनाकर आगे बढिए और उस लक्ष्य को प्राप्त करिए।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि दीक्षांत समारोह आपको प्रमाणपत्र, डिग्रिया, एवं मेडल देने के साथ ही आपको यह स्मरण भी कराता है कि अब आपकी जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गयी है। विश्वविद्यालय की पहचान केवल उसके भवनों, डिग्रियों से नहीं है, बल्कि उसके अनुशासन, शोधकार्य, सामाजिक चेतना और अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण में निहित होती है। शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विद्यार्थी गुरू के सानिध्य में बैठकर न केवल पाठ्यपुस्तक से बल्कि उनके अनुभव और जीवनदर्शन से सीखते है। कहा कि अध्यापकांे का यह दायित्व बनता है कि वे विद्यार्थिंयों के सानिध्य में बैठे और उनसे अच्छे सम्बंध बनाते हुए उन्हें सिखाने का कार्य करें।
माननीय राज्यपाल महोदया नेे विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत की उपस्थिति की उपयोगिता को इंगित किया तथा 25 प्रतिशत अनुपस्थिति का व्यक्तित्व विकास में उपयोगिता पर विशेष बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों को समय से अपने यहां शैक्षिक सत्र, परीक्षाओं का आयोजन कर समय से रिजल्ट देने एवं बायोमैक्ट्रिक उपस्थिति सिस्टम बनाने की व्यवस्था करने के लिए कहा।
माननीय राज्यपाल महोदया ने झोपड़ पट्टी में रहने वाले 80 बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था, कस्तूरबा गांधी विद्यालय में स्वच्छता एवं कमियों को दूर कराने, भिक्षा मांगने वाले बच्चों का स्कूलों में एडमिशन कराने, बीच में अपनी पढ़ाई को छोड़ने वाले बच्चों को इकट्ठा कर राजभवन के विद्यालय में एडमिशन करवायें जाने और वहां पढ़ रहे बच्चों की अच्छी शिक्षा के बारे में उनके द्वारा किए गए प्रयासों को बताते हुए कहा कि इसी प्रकार सभी को इनके लिए ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी आवश्यक साधन एवं व्यवस्थायें पहुंचायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का गुु्रप बनाकर जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में किट प्रदान की गयी है, वहां जाकर देखे कि किस प्रकार काम हो रहा है, क्या परिवर्तन कुछ आया है, आंगनबाड़ी केन्द्रों में और क्या समस्या है, इन सब की सूची तैयार कर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराकर उन समस्याओं को दूर कराये जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार रिसर्च के लिए अनुदान देती है और विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अच्छा कार्य भी कर रहे है, लेकिन अच्छे शोध कार्यों एवं फाइंडिंग का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है, इस विषय पर कार्य करने की आवश्यकता है।
माननीय राज्यपाल महोदया ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर पुनः सभी विद्यार्थिंयों को बधाई देते हुए विद्यार्थिंयों से एक लक्ष्य निर्धारित कर उसी के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए कहा है। प्रयागराज की पवित्र भूमि को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा सतत् रहे, जागृत रहे और कुछ न कुछ योगदान अवश्य करते रहे। उन्होंने कहा कि ‘‘मनुष्य को मनुष्य बनाया’’ इसी ध्येय वाक्य को आप आगे प्रसारित करें।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री संजय श्रीनेत्र ने दीक्षांत समारोह में मेडल व उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने विश्वविद्यालयों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी ओतप्रोत बताते हुए संस्कारित शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को चरित्र का उत्प्रेरक होना चाहिए और संस्कारित ज्ञान होना अच्छा है। उन्होंने कहा कि हमें हर कार्य में उत्कृष्टता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि उत्कृष्टता की जितनी साधना करेंगे, उतना ही हमें सम्मान मिलेगा।
माननीय कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा विभाग श्री योगेन्द्र उपाध्याय जी ने अपने उद्बोधन में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह जी के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन हम सब के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें आगे बढ़ने के लिए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। माननीय मंत्री जी ने कहा कि यह शिक्षण संस्थान प्रयागराज जैसे पौराणिक स्थल में है, जो भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की मसाल को वर्षों वर्ष से जलाए हुए हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा, सामाजिक समरसता का संदेश देने वाला यह शहर है। अभी हाल ही में यहां पर विश्व का सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का आयोजन सकुशल संपन्न हुआ, जहां पर 65 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रयागराज की धरती पर आकर समागम किया। पूरे विश्व में इस आयोजन को अचंभित होकर देखा, ऐसे क्षेत्र के आप लोग वासी हैं। गंगा जमुना एवं अदृश्य सरस्वती का संगम, अक्षय वट यहां पर है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि आज आप लोगों का दीक्षांत समारोह है यह आप लोगों को नवजीवन, नई दिशा देने वाला एक समागम है। उन्होंने मेडल एवं डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, उनके माता-पिता, गुरुजनों को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि माता-पिता, गुरुओं के आशीर्वाद एवं सहयोग, श्रम के बिना आप यह मुकाम हासिल नहीं कर सकते। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन पर्यंत इसे याद रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आज आप लोगों को उपाधियां मिली है, इसकी उपयोगिता समाज एवं राष्ट्र के लिए बने, यह आपका लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस देश ने आपको बहुत कुछ दिया है, इसलिए हमेशा व्यक्तिगत हित राष्ट्रहित में सम्मिलित रहे। यह संसाधन जिससे आपने उपाधि प्राप्त की है यह इस देश की ही देन है। हमें अपने स्वहित एवं राष्ट्रहित के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि स्वहित एक कालखंड तक जीवित रहता है लेकिन राष्ट्रहित अनादिकाल तक चलता है।
माननीय राज्य मंत्री उच्चशिक्षा विभाग श्रीमती रजनी तिवारी जी ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने उद्बोधन में आज डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, उनके माता-पिता शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह हमारे छात्र छात्राओं की उपलब्धियांे के उत्सव का दिन है। आज आपने जो उपलब्धियां एवं डिग्रियां प्राप्त की है यह आपके कठिन परिश्रम, त्याग और तपस्या का प्रतिफल है। देश और प्रदेश के निर्माण में आप इनका उपयोग करेंगे यह आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व मंच पर उभरती शक्ति के रूप में देखा जा रहा है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक सुधार सहित हर क्षेत्र में युवाओं के लिए संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि आप इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने भविष्य को सवारेंगे तथा देश और प्रदेश के प्रगति में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि आज माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम विकसित देश की ओर आगे बढ़ रहे है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि वर्ष 2047 तक हमारा देश विकसित देश बनेगा, तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान हमारे युवाओं का होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अब बेटियों की सामर्थ्य घर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बेटियों की सामर्थ्य देश की फिजा व दिशा को बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है। माननीय मंत्री जी ने कहा कि विकसित देश की परिकल्पना बिना उत्तर प्रदेश के संभव नहीं है।
इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अखिलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि आज 739 कालेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है तथा 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है। उन्होंने कहा कि संकल्प, निष्ठा व सामूहिक प्रयास से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा विश्वविद्यालय को ए ग्रेड प्रदान किया गया है, जो विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति, शोध संस्कृति, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को दर्शाता है।
इस अवसर पर मा0 कैबिनेट मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी, जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार वर्मा, कुल सचिव श्रीमती विनीता यादव,विश्वविद्यालय के आचार्यगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।