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प्रयागराज: गोष्ठी में विकसित उत्तर प्रदेश बनाने के लिए तीन थीम तथा 12 सेक्टरों पर हुई विस्तार से चर्चा

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News By-नितिन केसरवानी

कार्यशाला में छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, चिकित्सा, उद्योग एवं शिक्षा क्षेत्र से आयें हुए प्रबुद्धजनों के द्वारा समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश@2047 को लेकर अपने विचार व्यक्त किए गए

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ने सरकार के द्वारा जारी क्यूआर कोड पर अपने विचारों एवं सुझावों को लिखित रूप में अपलोड किए जाने के लिए कहा

प्रयागराज:  संजय आर0 भूसरेड्डी-माननीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश भूसम्पदा विनियामक प्राधिकरण/कार्यक्रम के नोडल अधिकारी की अध्यक्षता में मंगलवार को मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कालेज तेलियरगंज एवं इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन हॉल में ‘‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047’’ अभियान के जनजागरूकता हेतु कार्यशाला/गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यशाला /गोष्ठी का शुभारंभ अतिथिगणों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मोती लाल नेहरू इंजीनियरिंग कालेज में आयोजित कार्यशाला में इंजीनियरिंग कालेज व अन्य विद्यालयों से आये हुए छात्र-छात्राओं व अध्यापकों व अन्य प्रबुद्धजनों के द्वारा एवं इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन हॉल में आयोजित कार्यशाला में चिकित्सा क्षेत्र से, उद्योग क्षेत्र एवं शिक्षा क्षेत्र आयें हुए प्रबुद्धजनों ने अपने विचार व्यक्त किए तथा उक्त दोनो कार्यक्रम स्थलों पर उपस्थित लोगो के द्वारा विभिन्न विषयों के बारे में अपने-अपने सलाह एवं सुझाव भी व्यक्त किए, जिस पर विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के द्वारा उनके विचारों, प्रश्नों एवं जिज्ञासायों के समाधान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी तथा आयोजित कार्यक्रम में नोडल अधिकारी श्री संजय भूसरेड्डी के द्वारा लोगो से इस सम्बंध में सरकार के द्वारा जारी क्यूआर कोड पर अपने विचारों, भावनाओं एवं सुझावों के बारे में अपने मन्तव्य लिखित रूप में अपलोड किए जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विभिन्न सेक्टरों से सम्बंधित विषयों पर अच्छा एवं उपयोगी  सुझाव एवं सलाह देने वालो को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में हम सभी देश व प्रदेश में स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का आयोजन करेंगे। उस समय देश और प्रदेश में क्या सुविधा हो, विकास की क्या रेशिओ हो तथा विकसित भारत और विकास की क्या रूपरेखा होगी, इस सम्बंध में समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश@2047 कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान के तहत वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को किस प्रकार से विकसित राज्य बनाया जाए, मा० मुख्यमंत्री जी की सोच के अनुसार विकासशील देश एवं प्रदेश को वर्ष 2047 तक कैसे विकसित देश एवं प्रदेश को प्रथम श्रेणी में लाया जा सकता है इसके लिए सभी जनपदों में विकास के महत्वपूर्ण ढांचे को तीन थीम अर्थशक्ति, सृजनशक्ति एवं जीवनशक्ति तथा 12 सेक्टर- कृषि एवं उससे सम्बद्ध सेक्टर में-कृषि विभाग, कृषि शिक्षा, उद्यान विभाग, चीनी उद्योग, एवं गन्ना विकास विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग। पशुधन संरक्षण सेक्टर में-पशुपालन एवं डेरी विकास विभाग, मत्स्य विभाग। औद्योगिक सेक्टर में-औद्योगिक विकास विभाग, एमएसएमई विभाग। डिजिटल नवाचार सेक्टर में-आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग। पर्यटन सेक्टर में-धमार्थ कार्य एवं संस्कृति विभाग, नगर एवं ग्राम विकास सेक्टर में-नगर विकास विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग और ग्राम्य विकास विभाग। अवस्थापना सेक्टर में-परिवहन विभाग, नागरिक उड्डयन, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग। संतुलित विकास सेक्टर में-पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन, नवीनीकरण ऊर्जा विभाग। समाज कल्याण सेक्टर में-पिछड़ा वर्ग, समाज कल्याण विभाग, खाद्यय एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग। स्वास्थ्य सेक्टर में-स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग, आयुष विभाग। शिक्षा सेक्टर में-बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक तथा व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग तथा सुरक्षा एवं सुशासन सेक्टर में कार्य योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है ताकि आगामी 20 वर्षों में हम अपने जनपद, प्रदेश एवं देश को विकसित की श्रेणी में ला सकें।

उन्होंने कहा कि साल 2047 हमारे लिए केवल भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी का अवसर नहीं होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त, समृद्धि और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की परिकल्पना का परिणाम भी होगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज जिसे आस्था, शिक्षा और न्याय की नगरी कहा जाता है, इस परिवर्तन यात्रा का महत्वपूर्ण केन्द्र है। शिक्षा और कौशल विकास-इलाहाबाद विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों की विरासत को आधुनिक शोध और नवाचार से जोड़ना प्राथमिकता है। 2047 तक प्रयागराज को ‘‘एक ग्लोबल नालेज हब’’ के रूप में विकसित करना हम सभी का लक्ष्य है इसके लिए हमें डिजिटल शिक्षा, स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेन्टर और कौशल विकास संस्थान को आगे बढ़ाना है।

नोडल अधिकारी/प्रमुख सचिव राज्यकर विभाग उ0प्र0 शासन श्री एम0 देवराज ‘‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047’’ अभियान के जनजागरूकता हेतु आयोजित कार्यशाला/गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हमारा देश एवं प्रदेश विकसित देश एवं प्रदेश बने, इसके लिए तीन थीम एवं 12 सेक्टरों के विभिन्न विषयों पर कार्य करना है। 2047 में विकसित भारत एवं विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण में सबको मिलकर अपना योगदान देना है। इसके बारे में आप सभी अपने सुझाव एवं सलाह क्यूआर कोड़ के माध्यम से दे सकते है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश का सपना केवल सरकार का नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का साझा लक्ष्य है। कहा कि सरकार की कोई भी योजना तभी सफल होती है, जब जनता उसे विश्वास और सक्रिय सहभागिता के साथ आगे बढ़ाती है। विकसित उत्तर प्रदेश की परिकल्पना भी हर प्रदेश वासी के सहयोग से ही साकार होगी।

जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार वर्मा ने इस अवसर पर समर्थ उत्तर प्रदेश@2047 से सम्बंधित विषयों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आस्था और पर्यटन-महाकुम्भ हमारी आस्था और संस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। 2047 तक प्रयागराज को विश्व स्तरीय पर्यटन गंतव्य बनाने का लक्ष्य है। संगम क्षेत्र, हेरिटेज स्थलों और नदी तटों को स्वच्छ और आधुनिक सुविधाओं से युक्त करना हमारी प्रतिबद्धता है। पर्यावरण और सतत् विकास-गंगा-यमुना की निर्मल धारा केवल हमारी पहचान ही नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी है। हम 2047 तक प्रयागराज को स्वच्छ, हरित और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने के लिए ठोस योजनाओं पर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे और अन्य आधारभूत संरचनाओं के माध्यम से प्रयागराज को लॉजिस्टिक्स हब और औद्योगिक नगर के रूप में विकसित किया जायेगा। स्थानीय कृषि-उद्योग, हस्तशिल्प और आईटी सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करके युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जायेंगे। समर्थ उत्तर प्रदेश@2047 की परिकल्पना तभी साकार होगी जब प्रशासन और जनता साथ मिलकर कार्य करेंगे। प्रयागराज की शक्ति उसके नागरिकों में है और आप सबके सहयोग से हम एक ऐसा भविष्य गढ़ेंगे, जहाँ हर युवा को अवसर, हर किसान को सम्मान, हर महिला को सुरक्षा और हर नागरिकों को गर्व का अनुभव होगा।

इस अवसर पर शिक्षाविद श्री प्रशांत कुमार घोष ने भी समर्थ उत्तर प्रदेश@2047 के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारत को सशक्त बनाना है, तो उसका रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य परिचर्चा, सलाह एवं लोगो से सुझाव लेने का है। उन्होंने कहा कि विजन-2047 हमारे लिए एक संकल्प है, एक ऐसा संकल्प की हम उत्तर प्रदेश को न केवल भारत का सबसे सशक्त और समृद्ध राज्य बनायेंगे, बल्कि दुनिया के सामने विकास, संस्कृति और मानवीय मूल्योें का आदर्श पेश करेंगे। मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह ने उत्तर प्रदेश@2047 के अन्तर्गत 12 सेक्टरों में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ श्री विभव मानसिंह, श्री एस0के0 चौहान, श्री अजय कुमार सिंह सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एवं विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, अध्यापकगण, चिकित्सक, उद्यमीगणों के अलावा काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन ज्वाइंट मजिस्टेªट श्री अनिमेष वर्मा एवं डॉ0 प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।

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