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व्यावसायिक शिक्षा से प्रदेश में तैयार हो रही है सशक्त तकनीकी मैनपॉवर

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News By-नितिन केसरवानी

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है जिसकी जनसंख्या लगभग 25 करोड़ है जिसमें 15 से 59 आयु वर्ग को उत्पादक आयु वर्ग माना जाता है जो कुल जनसंख्या का लगभग 62 प्रतिशत है। इन आयु वर्ग के लोगों को कौशल ज्ञान होना जरूरी है। तकनीकी और कारीगरी ज्ञान से कुशलता प्राप्त कर युवा स्वयं एवं प्रदेश देश की प्रगति में विशेष योगदान दे रहे है। प्रदेश सरकार व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है।  राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को विभिन्न रोजगारपरक 01 व 02 वर्षीय व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त अप्रेन्टिसशिप योजना के माध्यम से युवाओं को उद्योगों व सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एम०एस०एम०ई०) में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान कराया जाता है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा घोषित 35 नये आई.टी.आई. में से 23 के निर्माण कार्य पूर्ण कर क्रियाशील कर दिए गए हैं। इन 35 में से 19 संस्थानों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) मॉडल पर तथा 04 संस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में 324 आई.टी.आई. हैं, जिनके द्वारा 1.84 लाख युवाओं को प्रतिवर्ष विभिन्न ट्रेड्स में ट्रेनिंग दी जा रही है। इनमें से 38 आई.टी.आई. पी.पी.पी. मॉडल पर संचालित हैं।

 

प्रदेश में अप्रेन्टिसशिप योजना के अन्तर्गत अब तक 2,81,291 से अधिक युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार दिलाया गया है। वर्ष 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डालर के स्तर तक ले जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (यू०पी०जी०आई०एस०) 2023 में निवेश हेतु प्राप्त 71 प्रस्ताव में रू0 7031 करोड़ की धनराशि का निवेश आगामी वर्षों में होने की सम्भावना है। इसमें नये संस्थानों की स्थापना व अपग्रेडेशन शामिल है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु आई.टी.आई. में 151 आई०टी० लैब तथा 144 स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किये गये हैं।

उद्योगों की माँग के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने के लिए टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड (टी.टी.एल.) एवं उनके सहयोगी कम्पनियों द्वारा सी.एस.आर. के अन्तर्गत  149 आई.टी.आई. एवं 01 प्रादेशिक स्टाफ प्रशिक्षण एवं शोध केन्द्र (आई.टी.ओ.टी.) में कौशलम केन्द्र की स्थापना की गयी है, जिसमें 11 लांग टर्म न्यू एज कोर्सेज यथा रोबोटिक्स, ईलेक्ट्रिक व्हीकल, 3-डी प्रिटिंग इत्यादि तथा इनसे संबंधित 23 शार्ट टर्म कोर्सेज चलाए जा रहे हैं।

 

टी०टी०एल० के द्वितीय चरण में 62 आई.टी.आई. को चिन्हित कर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है जिसमें आगामी सत्र से 07 न्यू एज कोर्स संचालित होगें।

लखनऊ व सुल्तानपुर में दो आई.टी.ओ.टी. स्थापित कर उन में 20 व्यवसायों में अनुदेशकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। टी.टी.एल. के सहयोग से 05 सेंटर फॉर इनोवेशन, इनवेन्शन, इन्क्युवेशन एण्ड ट्रेनिंग (सी.आई.आई.आई.टी.) की स्थापना का कार्य प्रगतिमान है। राजकीय आई.टी.आई. के सभी प्रशिक्षार्थियों को उद्योगों व एम०एस०एम०ई० में 07 से 15 दिवस की ऑन-जॉब ट्रेनिंग कराई जा रही है।

ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (डी.एस.टी.) के अन्तर्गत 28000 सीटो पर उद्योगो में 03 से 06 माह के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। आई.टी.आई. विभाग को 1600 नवीन अनुदेशक प्राप्त हो गये हैं तथा आयोग से 500 अनुदेशक शीघ्र ही प्राप्त होगे,ं जिनकी तैनाती से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा। प्रदेश में अब तक 2,35,108 से अधिक युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार से जोड़ा गया है। प्रवेश तथा परीक्षा के कार्य के अतिरिक्त राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.वी.टी.) को भारत सरकार द्वारा एसेसिंग/एवार्डिंग वॉडी के रूप में नामित किया गया है।

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