हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
कौशाम्बी:
भरवारी में संचालित कौशाम्बी जनपद के प्रतिष्ठित भवन्स मेहता महाविद्यालय में नव-प्रवेशी विद्यार्थियों का दीक्षारम्भ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम संयोजिका प्रोफेसर श्वेता ने महाविद्यालय में नव-प्रवेशी छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रोफेसर विवेक निराला ने महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों से इस गौरवशाली परम्परा और गरिमामय इतिहास को बनाए रखने की अपील की।
महाविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह ने महाविद्यालय में अनुशासन की आवश्यकता बताते हुए महाविद्यालय के अनुशासन की मर्यादाओं की ओर संकेत किया। डॉ. धर्मेन्द्र अग्रहरि ने महाविद्यालय में कला-संकाय में उपलब्ध विषयों के महत्व और उनके बुद्धिमत्तापूर्ण चयन की आवश्यकता रेखांकित की। प्रोफेसर योगेश मिश्र ने महाविद्यालय के विज्ञान-संकाय में उपलब्ध विषयों की उपयोगिता और भविष्य में उनके अध्ययन की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ. राहुल राय ने महाविद्यालय में रोवर्स-रेंजर्स, मोहम्मद आदिल ने राष्ट्रीय सेवा योजना तथा डॉ. दीपक कुमार ने नेशनल कैडेट कोर के महत्व को बताते हुए इसकी महाविद्यालय में इकाई और उसमें नामांकन की प्रक्रिया समझाते हुए इसकी सामाजिक एवं राष्ट्रीय आवश्यकता को रेखंकित किया।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर विमलेश सिंह यादव ने महाविद्यालय में संचालित विद्यार्थियों हेतु कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व-विकास और मेंटरशिप के बारे में बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रबोध श्रीवास्तव ने महाविद्यालय की गौरवशाली परम्परा का स्मरण करते हुए बताया कि वह स्वयं इसी महाविद्यालय के छात्र रहे हैं। उन्होंने महाविद्यालय में छोटे-छोटे छात्र-समूह बनाकर शिक्षक विशेष को समूह प्रभारी बनाकर उस विशेष समूह का समुचित मार्ग-दर्शन की अवधारणा प्रस्तुत करते हुए स्मार्ट क्लास की सुविधाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने विद्यार्थियों हेतु लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम और ई-लर्निंग की सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की। प्राचार्य जी ने महाविद्यालय के पुस्तकालय की 40 हज़ार पुस्तकों की ई-कैटलॉगिंग की योजना पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम का आरम्भ दीप-प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती-वंदना के कार्यक्रम से हुआ तथा संचालन डॉ. मोहम्मद आदिल ने किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ ही बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति उत्साहजनक रही। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी उपस्थित रहे।