पर्यावरण प्रेमी इधर भी नजरे इनायत करें -शिवसेना
खंडवा। नगर निगम खंडवा इन दोनों पर्यावरण को लेकर अपनी गंभीरता दिख रहा है पर्यावरण संरक्षण के नाम पर नगर निगम की जेसीबी दूध तलाई एवं शक्कर तालाब पहुंच जाती है और बरसों से रह रहे मकानों को जमीन दोष कर देती है। लेकिन शहर के मध्य स्थित आबना नदी में बनने वाली चीन की दीवार को नहीं रोक पा रही है। इसी तरह शहर के मध्य स्थित ब्रिटिश कालीन थे दचिक पार्क की दुर्दशा को अनदेखा कर रही है । उक्त टिप्पणी करते हुए शिवसेना प्रमुख गणेश भावसार ने कहा कि खंडवा नगर निगम एवं जिला प्रशासन की संयुक्त टीम पर्यावरण के नाम पर जेसीबी से स्वच्छता की रेंकिंग सुधारने में लगी हुई है। क्या इस तरह की कार्रवाई से स्वच्छता सुधर पाएगी। श्री भावसार ने आगे कहा कि शहर मे अधिकांश बगीचों को मिटाने का खेल चल रहा है उदाहरण के तौर पर ब्रिटिश कालीन दचिक पार्क की बाउंड्री वालों को गिरकर बड़े पेड़ों पर जेसीबी चलाई गई और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया अब वर्तमान में यहां पर नगर निगम पार्किंग का ठेका संचालित कर रही है। खास बात यह है कि पेड़ों पर जेसीबी चलाने के दौरान पक्षियों के घोंसले जमीन दोष हो गए थे जिसके बाद पूर्व कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए वन विभाग के डीएफओ को निर्देश दिया था की जो भी दोषी हो उनके ऊपर प्रकरण दर्ज की किया जाए । इसके बाद जांच उपरांत 5 आरोपियों पर फिर प्रकरण दर्ज किया गया। यह मामला प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना था ।वर्तमान की बात की जाए तो नवागत कलेक्टर को यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया था। अब देखना है कि पर्यावरण प्रेमी के नाम पर शहर के समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, नगर निगम, मीडिया, जिला प्रशासन पार्क को लेकर क्या निर्णय ले पाएगा।