झोलाछाप डॉक्टर के हौंसले बुलंद मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़
खरगोन जिले के ग्राम सिरवेल में ग्रामीण अंचलों में एलोपैथिक होम्योपैथिक वह कहीं झोलाछाप डॉक्टर अपना डेरा जमाए बैठे हैं और यह लोग ग्रामीण आदिवासियों चूना लगाकर अच्छी खासी तगड़ी कमाई कर रहे हैं कोई कहता है कि मैं एमडी की तरह बड़ी फीस नहीं लेता हूं और आप गरीबों की मदद कर रहा हूं मगर यह मदद कर नाम पर लोगों को एक ही इंजेक्शन से कई मरीजों का इलाज करते हैं यह नासिरीन बदलते हैं नहीं नीडल बदलते हैं एक ही नीडल और एक ही सीरीज से उपचार करते हैं और कहते हैं हम 10 वर्षों से कोई कहता है 5 वर्षों से बसे हुए हैं और लोगों की सेवा में तत्पर है मगर यह सच्चाई नहीं है अगर उनकी बजे किसी आयुर्वेद के डॉक्टर के पास जाए और अपना उपचार करवा तो वहां पर सांप व स्वच्छ इन हैं उपचार मौर्य हो सकता है जबकि यह लोग सर्जरी से लेकर डिलीवरी तक करवाने का काम करते हैं मगर नहीं है सही पद्धति और नहीं यह सही तरीके से काम करते हैं यह अपने प्रैक्टिस इंसानों को जानवर समझ कर अपना एक्सपेरिमेंट और अपनी प्रैक्टिस करते हैं यही कारण है कि इन बहल आदिवासी इलाकों में मृत्यु दर दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है इस और नहीं तो स्वास्थ्य विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही कोई इनका ध्यान रखकर चेंज होना साहब डॉक्टर पर निखिल करने को तैयार है इन्हें खुले की तरह छोड़ दिया गया है
*संवाददाता दिलीप बामनिया*