*आदिवासी स्वाभिमान का प्रतीक: भव्य समारोह में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण*
बैतूल:- परसा टोला।
आदिवासी समाज के स्वाभिमान और गौरव के प्रतीक भगवान तुल्य बिरसा मुंडा की जयंती पर परसा टोला स्थित पांच पिंड धर्मस्थल में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया गया, जो आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर और संघर्षशीलता का अद्वितीय प्रतीक है।
धर्मस्थल पर उमड़ा जनसैलाब
समारोह में उपस्थित जनसमुदाय ने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके संघर्ष और आदर्शों को याद किया। मुख्य अतिथियों ने बिरसा मुंडा को भगवान का दर्जा देते हुए कहा कि उनका जीवन और बलिदान आज भी आदिवासी समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
संस्कृति और परंपराओं की झलक
आयोजन में स्थानीय आदिवासी गीत और परंपराओ बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि के साथ के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर बिरसा मुंडा के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। यह आयोजन आदिवासी समाज की सांस्कृतिक समृद्धि और एकता का प्रतीक बन गया।
बिरसा मुंडा की प्रेरणादायक विरासत
बिरसा मुंडा केवल एक क्रांतिकारी योद्धा ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक नेता और आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा के स्तंभ भी थे। उनकी प्रतिमा का अनावरण न केवल आदिवासी समाज के गौरव को दर्शाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनके संघर्ष और त्याग से प्रेरणा लेने का संदेश भी देता है।
समारोह में भागीदारी
इस भव्य आयोजन का नेतृत्व बड़ादेव परसा टोला संचालन समिति ने किया।
समिति के सेवादार: डॉ. रुपेश पद्माकर,एस.एल. मर्सकोले,शंकर लाल भलावी,धन्नू सिंह धुर्वे,कृष्ण मर्सकोले,डॉ. सुरेश डोंगरे
समिति के पदाधिकारी:
अध्यक्ष: महेंद्र कुमार उईके,उपाध्यक्ष: रोशनी धुर्वे,सचिव: शंकर भलावी,कोषाध्यक्ष: सुरेश परतें
आदिवासी स्वाभिमान की नई दिशा जय बड़ादेव और बिरसा मुंडा की गाथाओं के जयघोष से गूंजते इस आयोजन ने आदिवासी समाज को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास प्रदान किया। बिरसा मुंडा के आदर्शों को आत्मसात करने और समाज में जागरूकता फैलाने का यह प्रयास सराहनीय है।