*बहुत हुआ ‘शिव’ का ‘राज’… अब बजेगी ‘मोहन’ की ‘मुरली’..!*
मोदी-शाह की जोड़ी ने हमेशा की तरह इस बार भी चौंका दिया…
भोपाल।अधिकांश ने कयास लगाए कि लाडली बहना योजना शिवराजसिंह चौहान का मास्टर स्ट्रोक है और शिवराज किस्मत के धनी हैं… इस वजह से उन्हें इस बार भी सत्ता का सुख प्राप्त होगा… *वहीं कुछ ने यह भी कहा कि केन्द्र को यह कभी गवारा नहीं गुजरेगा कि शिवराज सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में उभरें*… वहीं शुरुआती दौर में यह भी कहा गया कि नरेन्द्रसिंह तोमर भी सीएम के काबिल हैं, *लेकिन सीडी कांड ने उनके मंसूबों पर भी पानी फेर दिया*… वहीं वीडी शर्मा से लेकर प्रहलाद पटेल और आखिर में ज्योतिरादित्य सिंधिया के का भी नाम चल पड़ा… *वहीं कैलाश विजयवर्गीय, जिसकी मीडिया भी मुरीद है, उनका भी जमकर नाम चला कि कैलाश मुख्यमंत्री बनें और गाहे-बगाहे उन्होंने भी बयानों के जरिए इस बात को हवा दी* आखिर में यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री नहीं तो उपमुख्यमंत्री भाई बन रहे हैं… खट्टर के पर्यवेक्षक बनने के बाद तो मानों समर्थकों ने दिवाली मनाने के लिए पटाखों के ऑर्डर तक दे दिए थे… लेकिन मैं हमेशा से ही कहता रहा कि हुई है वही जो केन्द्र रदी राखा… और अंत में वही हुआ जो मोदी-शाह की जोड़ी से लेकर संघियों को मंजूर था… आखिर में डॉ. मोहन यादव अपनी दोनों तलवार लिए मैदान में किला लड़ाने उतर गए और अब वे जिस तरह से सियासी मुरली बजाएंगे उसी तरह से प्रदेश की सियासत रूपी राधा नाचेगी..? कुल मिलाकर शिव के राज का सुखद समापन हुआ और अब देखना होगा कि मोहन अपनी प्रतिभा के बल पर जनता को कितना मोहित कर पाते हैं..? वहीं अब यह भी सवाल उठ खड़ा हुआ कि बाबा महाकाल की कृपा से डॉ. यादव को मुखिया तो बना दिया गया, लेकिन क्या अब मोहन अपने गृह क्षेत्र में ही परम्परा के मुताबिक रात रूक पाएंगे या उन्हें अपनी रातें उज्जैन शहर से बाहर काटना होगी..? क्योंकि राजा तो सिर्फ एक ही हैं… बाकि जैसी राजाधीराज की इच्छा… जय श्री महाकाल..!!!