News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा प्रस्तावित एक्शन प्लान के तहत एवं जनपद न्यायाधीश, कौशाम्बी श्री जे० पी० यादव के निर्देशन पर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी के तत्वाधान में कौशाम्बी इण्टर कॉलेज, थाना कौशाम्बी के पास, जनपद कौशाम्बी में शोषण के विरूद्ध अधिकार, पॉश एक्ट व बच्चों के अधिकार विषय पर साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित शिविर में बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी श्रीमती पूर्णिमा प्रांजल के द्वारा भारतीय संविधान सहित कयी अन्य विधियों व कानूनों में बाल अधिकारों और शोषण के विरूद्ध प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी। बाल अधिकारों के हनन व बच्चों के शोषण से उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से गहरी चोट पहुंचती है जिससे न केवल उनका स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास प्रभावित होता है अपितु सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है। महिला कल्याण विभाग, कौशाम्बी से जिला मिशन समन्वयक, श्रीमती पूनम पाल द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, 181 महिला हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेन्टर (सखी केन्द्र), निराश्रित महिला पेंशन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।

वन स्टॉप सेन्टर (सखी केन्द्र), कौशाम्बी प्रबन्धक शशि त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि वन स्टाप सेन्टर भारत सरकार की योजना है जो घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और अन्य प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और पुलिस सहायता प्रदान करती है। इसे सखी सेन्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह योजना निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए है और यह सभी महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करती है। कार्यक्रम में अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी श्रीमती पूर्णिमा प्रांजल, महिला कल्याण विभाग से जिला मिशन समन्वयक श्रीमती पूनम पाल, वन स्टॉप सेन्टर प्रबन्धक शशि त्रिपाठी, प्रधानाचार्य श्री सुभाष कुमार एवं पी०एल०वी० अखिलेश कुमार चौधरी उपस्थित रहें।