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कौशाम्बी का वीर सपूत हुआ पंचतत्व में विलीन, 1965–71 के युद्ध नायक शिवमंगल द्विवेदी को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई

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हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी

कौशाम्बी: सराय अकिल थाना क्षेत्र की सुरसेनी ग्राम पंचायत आज गम में डूबी रही, जब गांव के गौरव रिटायर्ड सैनिक स्वर्गीय शिवमंगल द्विवेदी को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई देश के लिए 1965 और 1971 के भारत–पाकिस्तान युद्ध में वीरता से लड़ने वाले इस जांबाज योद्धा ने रात देर एक माह के लंबे संघर्ष के बाद अंतिम सांस ली। उनकी रेजिमेंट RVC Corps थी और उन्होंने ALD/ADT के पद पर रहकर वर्षों तक मातृभूमि की सेवा की। सुबह से ही गांव में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। हर किसी की आंखें नम थीं, पर गर्व से सीना चौड़ा भी था कि उनके बीच ऐसा सैनिक रहा, जिसने दो-दो युद्धों में देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। अंतिम संस्कार के लिए प्रयागराज से पहुंचे सूबेदार मेजर, सूबेदार, नायक, हवलदार और अन्य सैनिकों ने सेना की परंपरा के अनुसार पूरे सम्मान के साथ सलामी दी और ध्वज से आच्छादित पार्थिव शरीर को अंतिम बार नमन किया। गार्ड ऑफ ऑनर की गूंज से पूरा क्षेत्र वीरता की भावना से भर उठा। अंतिम विदाई के समय “भारत माता की जय, वंदे मातरम्” और “अमर रहें शिवमंगल द्विवेदी अमर रहें” के नारों से वातावरण गूंज उठा। ग्रामीणों ने बताया कि वे न केवल युद्ध में वीर थे, बल्कि गांव के लोगों के लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी थे। परिवार, ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि स्वर्गीय शिवमंगल द्विवेदी का साहस, सरलता और देशप्रेम गांव की आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर जीवित रहेगा।

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