लोकेशन धामनोद
संवाददाता मोनू पटेल
प्रेरणा से आलोकित हुआ ‘जलसा 2025’ का रंगमंच
माँ नर्मदा की पवित्र धारा-सा प्रवाहित हुआ उल्लास
माँ नर्मदा महाविद्यालय धामनोद में 23वाँ वार्षिक समारोह ‘जलसा 2025’ धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक हर्षोल्लास और गौरवपूर्ण वातावरण के बीच सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। सरस्वती वंदना और गणेश वंदना की मंगलध्वनि के साथ आरंभ हुए इस उत्सव ने परिसर में उज्ज्वल ऊर्जा का संचार किया।
प्राचार्य डॉ प्रिया त्रिवेदी ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों, शैक्षणिक प्रगति और नवाचारों का विस्तार से उल्लेख किया। उनके वक्तव्य में महाविद्यालय की सतत उन्नति और विद्यार्थियों के अथक प्रयासों का गौरव झलकता रहा।
मुख्य मंच पर प्रस्तुत हुए रंगारंग कार्यक्रमों—देशभक्ति, बेटी बचाओ, माँ की ममता, साउथ इंडियन, राजस्थानी और गुजराती नृत्य—ने सभागार में उल्लासपूर्ण माहौल निर्मित किया। हर प्रस्तुति में विद्यार्थियों की लगन, सृजनशीलता और सांस्कृतिक विविधता का सुंदर समन्वय देखने को मिला, जिसने दर्शकों के मन में उत्सव का परचम लहरा दिया।
चेयरपर्सन डॉ मनोज नाहर ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा—
“हमारी संस्था का नाम माँ नर्मदा के नाम पर है और माँ नर्मदा स्वयं शक्ति, पवित्रता और निरंतरता का प्रतीक हैं। इसी तरह हमारी संस्था भी प्रत्येक वर्ष नई धारा, नया वेग और नई ऊर्जा लेकर आगे बढ़ रही है।”
उनकी यह वाणी विद्यार्थियों और उपस्थित समुदाय के लिए सशक्त संकल्प का संदेश बनकर गूंजी।
वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित करते हुए महाविद्यालय निर्देशिका रीना नाहर ने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्यार्थियों का समर्पण और अनुशासन ही संस्थान के अकादमिक उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।
इस भव्य समारोह का संचालन डॉ राजू हल्दर और अंजलि चौहान ने अपनी मर्यादित, संप्रेषणीय और प्रभावी शैली में किया, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और भी बढ़ गई। सभी विद्यार्थियों एवं अतिथियों के लिए नाश्ता एवं भोजन की सुन्दर व्यवस्था की गई, जिससे आयोजन में सहभागिता का सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहा।
समापन अवसर पर राघवेंद्र पाटीदार ने हृदयपूर्ण धन्यवाद ज्ञापन देते हुए समस्त अतिथियों, प्रतिभागियों, शिक्षकों तथा सहयोगियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। अन्य शिक्षकगण व आमंत्रित अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति ने समारोह के महत्व को और भी सशक्त बनाया।
‘जलसा 2025’ ने माँ नर्मदा महाविद्यालय के सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक जीवन में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ते हुए सभी को प्रेरणा, उल्लास और नए संकल्पों से ओतप्रोत कर दिया।