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फर्जी जमानत कराने वालों पर सख़्त शिकंजा, गवाहों की सुरक्षा और उपस्थिति पर फोकस, न्यायिक कार्रवाई की रफ़्तार तेज

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशाम्बी: जनपद में न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी एवं परिणाममुखी बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक कार्यालय मंझनपुर स्थित दुर्गा भाभी सभागार में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता क्षेत्राधिकारी कौशाम्बी जनेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने की। इसमें जनपद के सभी थानों में नियुक्त पैरोकार शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य केवल समीक्षा नहीं, बल्कि तेज़, पारदर्शी और प्रभावशाली न्यायिक कार्रवाई की दिशा में निर्णायक कदम था।
गोष्ठी के दौरान लिए गए प्रमुख निर्णय, भविष्य की पुलिसिंग की दिशा तय करने वाले न्यायालय में आरोप पत्र एवं अन्तिम रिपोर्ट दाखिल करने हेतु चल रहे विशेष अभियान की बिंदुवार समीक्षा क्षेत्राधिकारी ने संबंधित पैरोकारों को चेताया कि देर या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी प्रत्येक केस की प्रगति और पत्रावली न्यायालय में निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रस्तुत होनी चाहिए।
फर्जी तरीके से जमानत कराने वाले माफियाओं पर अब कठोर शिकंजा जमानत के नाम पर पैसों की वसूली और छलावे से जमानत करवाने वाले व्यक्तियों की तुरंत पहचान कर ऐसे आरोपियों की तस्दीक,साक्ष्य संकलन और कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए गए।क्षेत्राधिकारी ने कहा कि जमानत के खेल में शामिल एक भी व्यक्ति बचा तो यह पुलिस की विफलता मानी जाएगी।
ऑपरेशन कनविक्शन को मिशन मोड में लागू करने के निर्देश गवाहों की अनुपस्थिति मुकदमों की कमजोर कड़ी है इसे अब पूरी तरह समाप्त करने की तैयारी। प्रत्येक मुकदमे के गवाहों को समय से न्यायालय में उपस्थित कराने,गवाह सुरक्षा, संवाद एवं समन की रसीद की नियमित मॉनिटरिंग के लिए पैरोकारों को स्पष्ट जिम्मेदारियाँ निर्धारित की गईं।
बैठक का संदेश बिल्कुल स्पष्ट — न्याय में देरी नहीं, सज़ा सुनिश्चित बनाना प्राथमिक लक्ष्य
क्षेत्राधिकारी कौशाम्बी ने कहा कि आज की पुलिसिंग केवल अपराध पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि न्यायालय में दोष सिद्ध करवाकर दोषियों को सज़ा दिलाना ही असली सफलता है। उन्होंने पैरोकारों को दो-टूक शब्दों में चेताया कि अभियोजन और न्यायालय प्रक्रिया में ढिलाई शून्य सहनशीलता की श्रेणी में होगी।
कौशाम्बी पुलिस के लिए यह बैठक नहीं, एक रोडमैप आज की गोष्ठी ने स्पष्ट कर दिया कि केस दर्ज होना पहला कदम है गिरफ्तारी दूसरा और दोष सिद्ध करा कर सज़ा दिलाना ही मुकदमे का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव तक पहुंचना है।कौशाम्बी पुलिस अब इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है तेज़ न्याय, पारदर्शी प्रक्रिया और अपराधियों को कानून के कठघरे तक पहुँचाना।

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