मड़वास जेई व विद्युत कर्मीयों की गुंडागर्दी आईं सामने, दुकानदार के साथ की मारपीट का वीडियो वायरल। सेवा शुल्क अदा ना करने पर, भड़के जेई व विद्युत कर्मी। हर तरह से कर रहे प्रताड़ित। व्यापारियों में आक्रोश , पुलिस चौकी पहुंच लिखित में दर्द कराए शिकायत कार्यवाही की मांग।
मड़वास जेई व विद्युत कर्मीयों की गुंडागर्दी आईं सामने,
दुकानदार के साथ की मारपीट का वीडियो वायरल।
सेवा शुल्क अदा ना करने पर, भड़के जेई व विद्युत कर्मी। हर तरह से कर रहे प्रताड़ित।
व्यापारियों में आक्रोश , पुलिस चौकी पहुंच लिखित में दर्द कराए शिकायत कार्यवाही की मांग।
सीधी/ मझौली /मड़वास
मामला सीधी जिले मझौली उपखंड के विद्युत मंडल मड़वास का है जहां कनिष्ठ अभियंता राजेंद्र राजपूत सहित उनके अन्य तीन -चार विद्युत कर्मी द्वारा न केवल दुकानदार से अभद्रता की गई बल्कि कनिष्ठ अभियंता द्वारा मारे जाने का भी वीडियो में देखा जा रहा हैं। जिसके बाद आक्रोशित व्यापारियों ने विद्युत विभाग के कर्मचारीयों की कार्य प्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पुलिस चौकी पथरौला पहुंच कनिष्ठ अभियंता राजेंद्र राजपूत सहित विद्युत कर्मचारियों के नामजब्द लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही की मांग किए हैं।
मामला जिले के मडवास थाना क्षेत्र के पुलिस चौकी पथरौला जोगी पहाड़ी का है जहां विगत 6 नवंबर गुरुवार को विद्युत मंडल मड़वास के कनिष्ठ अभियंता राजपूत आपने अन्य तीन चार साथियों के साथ पहुंच किराए के मकान में नीलम स्टेशनरी के नाम से संचालित दुकानदार के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट किए जाने की घटना सामने आई है वही घटना की वीडियो बना रहे बगल की दुकानदार के साथ भी उनके सहपाठी वीडियो ना बनाने का कहते हुए अभद्रता करते देखे जा रहे हैं। उक्त कृत्य की वीडियो एवं पथरौला चौकी में की गई लिखित शिकायत की कॉपी उपलब्ध कराते हुए पीड़ित ने न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
पीड़ित द्वारा बताया गया कि पूर्व में विद्युत विभाग के द्वारा पुराना मीटर ऐसे तार में बांधकर दुकान के बाहर लटका दिया गया था न जाने किसने उसे दो-तीन माह पहले खींच दिया था फिर भी तार जुड़े हुए थे। जिसकी जानकारी मैंने अपने मकान मालिक को दे दिया था। क्योंकि मैं केवल दिन में दुकान संचालित करता हूं रात को घर चले जाता हूं मौसम ठंड होने के कारण पंखे का भी उपयोग नहीं किया गया मीटर मंद गति से चला जिसको लेकर विद्युत विभाग के कर्मचारी मुझे 5000 की मांग करने लगे उक्त राशि अदा करने पर विगत दो-तीन दिनों से जेई खुद आकर हड़का रहे थे। घटना दिनांक को पंचनामे में यह लेख करते हुए की कैंपस के मालिक ने मीटर नोचा है पंचनामा में हस्ताक्षर करने लगे तब मेरे द्वारा यह कहते हुए कि मकान मालिक द्वारा नहीं बल्कि किसी अन्य शरारती लोगों द्वारा तोड़ा गया है मकान मालिक तो यहां आते ही नहीं कितने में कनिष्ठ अभियंता राजेंद्र सिंह राजपूत भड़क गए और अनाप-शनाप गाली बकते हुए मेरे पर टूट पड़े मेरे द्वारा विरोध किए जाने तथा मेरे बगल के व्यापारी साथी द्वारा वीडियो बनाए जाने पर उनके साथ आए तीन सहकर्मी उपेंद्र द्विवेदी, विवेक द्विवेदी, मनोज त्रिपाठी भी हम लोगों पर टूट पड़े एक ने वीडियो बंद करने बगल की दुकानदार शेष दो लोग गाली बटे हुए हमसे बदसलूकी क्योंकि वीडियो मोबाइल छुड़ाकर वीडियो बंद कर दिया गया था जिसका वीडियो नहीं बनाया जा सका उक्त घटना को देख अगल-बगल के साथी व्यापारी पहुंच विरोध जताया तब कहीं जाकर वे लोग यहां से चले गए। इसके बाद व्यापारी साथियों के साथ जाकर पुलिस चौकी पथरौला में लिखित शिकायत किया हूं लेकिन तीन-चार दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
जानकारी मिल रही है कि विद्युत विभाग के तरफ से मेरे ऊपर ही मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि पुलिस चौकी यही पास है लेकिन किसी तरह से जांच कार्यवाही नहीं की गई है अभी हम लोगों को वास्तविक रूप से जानकारी नहीं है कि विद्युत विभाग के तरफ से मुकदमा दर्ज कर लिया गया है इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकते अगर बगैर जांच पड़ताल के फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज किया गया होगा तो हम लोग संघ का सहारा लेंगे और न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।
*तरह-तरह की दी जा रही प्रताड़ना*
दुकानदार ने मीडिया पर भरोसा जताते हुए बताया कि विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा मांगी गई अलग-अलग न देने पर मुझे हर तरह से मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है एक तो खुद अपने बचाव के लिए शायद धन- बल पहुंच पकड़ के प्रभाव से शायद मुकदमा दर्ज करने में सफल रहे वही 2 माह की भारी भरकम जबकि जबकी पूर्व में लगा मीटर था चल रहा था इसके बावजूद भी मनमानी तौर पर 11539 रुपए का विद्युत बिल जनरेट किया गया है। जिससे हम काफी आहत है मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं।
अब देखना होगा जबकि जो वीडियो वायरल किया गया है उसमें विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता सहित अन्य सहयोगी दुकानदारों के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट करते देखे जा रहे हैं क्या पुलिस प्रशासन वास्तविकता की जांच कर विद्युत कर्मियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज पीड़ित को राहत पहुंचा पाती है या की उनके पहुंच पकड़, धन-बल प्रभाव से प्रभावित हो पीड़ित पर ही मुकदमा दर्ज कर परेशान करने की कवायत की जाएगी।