News By- हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी
कौशाम्बी:
भैया दूज के पावन पर्व पर कौशांबी जिला जेल मंझनपुर में भाई-बहन के रिश्ते की अद्भुत झलक देखने को मिली। सुबह से ही महिलाओं की लंबी कतारें जेल के बाहर लग गईं। हर बहन के चेहरे पर भाई से मिलने की उत्सुकता और आंखों में भावनाओं की नमी थी।
सुबह आठ बजे से शाम तीन बजे तक महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से जेल में प्रवेश दिया गया ताकि कोई भी बहन अपने भाई से मिले बिना लौट न जाए। इस दौरान जेल परिसर में स्नेह, अपनापन और धार्मिक माहौल बना रहा।
जेल अधीक्षक अजितेश कुमार के कुशल नेतृत्व में पूरे आयोजन की व्यवस्थाएं उत्कृष्ट रहीं। महिलाओं की सुविधा के लिए टेंट, पेयजल, पर्ची काउंटर और बैठने की व्यवस्था की गई थी। सुबह सात बजे से ही विशेष ड्यूटी लगाई गई थी ताकि किसी को दिक्कत न हो। अधीक्षक की सतर्कता और मानवीय दृष्टिकोण के चलते पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और अनुशासित वातावरण में सम्पन्न हुआ।
मुलाकात का क्रम सुबह नौ बजे से शुरू हुआ। बहनों ने जेल के अंदर जाकर अपने भाइयों के माथे पर रोली, चावल और चंदन से तिलक लगाया, आरती उतारी और मीठा खिलाकर लंबी उम्र की कामना की। कई बहनों की आंखें खुशी और भावनाओं से भर आईं। मुस्लिम महिलाओं ने भी अपने भाइयों को मीठा खिलाकर भाईचारे की मिसाल पेश की।
भैया दूज पर 239 पुरुष बंदियों से मिलने 501 महिलाएं और 262 बच्चे पहुंचे, जबकि महिला बंदियों से मिलने चार पुरुष और दो बच्चे आए।
दिनभर जेल परिसर में भाई-बहन के प्रेम, संवेदना और अनुशासन की मिसाल देखने को मिली। बहनों ने यमराज से अपने भाइयों की रक्षा और दीर्घायु की प्रार्थना की।