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30 नवम्बर तक जमा करें शुल्क, वरना भट्ठे पर लगेगी कार्यवाही की आँच, एडीएम शालिनी प्रभाकर की सख्त चेतावनी, अवैध खनन पर अब जीरो टॉलरेंस

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशाम्बी: ज़िले में ईंट-भट्ठा सत्र 2025-26 की शुरुआत होते ही प्रशासन ने नियमों की गूंज ऐसी बनाई है कि अब बिना अनुमति की एक भी ईंट नहीं पकाई जा सकेगी। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) शालिनी प्रभाकर ने बुधवार को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जो भट्ठा संचालक विनियमन शुल्क व अन्य निर्धारित शुल्क जमा किए बिना संचालन करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है। अब नियम तोड़ने वालों पर मिट्टी नहीं, कानून गरजेगा। भूतत्व एवं खनिज विभाग कीगाइडलाइन के अनुसार, भट्ठा मालिकों को 30 नवम्बर 2025 तक बिना ब्याज विनियमन शुल्क व अन्य देय राशि जमा करानी होगी। इसके बाद कोई भी ईंट-भट्ठा बिना भुगतान के संचालित हुआ तो वह अवैध खनन की श्रेणी में माना जाएगा। शालिनी प्रभाकर ने कहा कि शासन का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि खनिज संपदा के पारदर्शी और वैधानिक उपयोग को सुनिश्चित करना है।उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि प्रशासन की मंशा स्पष्ट है जो नियमों का पालन करेगा, उसे पूरा संरक्षण मिलेगा जो अवैध खनन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तत्काल होगी।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि भट्ठा संचालक खनन स्थल, भट्ठा परिसर और परिवहन व्यवस्था से जुड़ी समस्त जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करें, ताकि किसी भी स्तर परअनियमितता की गुंजाइश न रहे। सूत्रों के अनुसार, इस बार प्रशासन की निगाह कागज़ी भट्ठों पर भी रहेगी यानी वे भट्ठे जो रजिस्ट्रेशन तो करा लेते हैं, लेकिन खनन की जानकारी छिपाते हैं। ऐसे मामलों में अब मैदानी निरीक्षण टीमों को सक्रिय किया जा रहा है।
भट्ठा संचालकों के लिए सीधा संदेश
शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2025
शुल्क न जमा करने पर अवैध खनन की श्रेणी में कार्रवाई, निरीक्षण टीमें रहेंगी सक्रिय जिला प्रशासन की निगरानी में

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