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जिले का पीआईयू विभाग बंद होने की कगार पर, तीन सहायक यंत्री,तीन उपयंत्रियों के पद खाली बिल्डिंग निर्माण कार्य ठप्प

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जिले का पीआईयू विभाग बंद होने की कगार पर, तीन सहायक यंत्री,तीन उपयंत्रियों के पद खाली बिल्डिंग निर्माण कार्य ठप्प

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

रायसेन ।जिले का पीआईयू विभाग बंद होने की कगार पर है।पीआईयू विभाग रायसेन में तीन सहायक यंत्रियों सहित तीन उपयंत्रियों के पद लंबे अरसे से खाली पड़े हुए हैं।पीआईयू विभाग के ईई अरविंद पाठक के अड़ियल रवैये हठधर्मिता के कारण विभाग के बुरे हालात बने हुए हैं।जिम्मेदार अधिकारी पाठक की मनमानी और उदासीनता के कारण रिक्त पद अभी तक भरे नहीं गए हैं।जिसके चलते नगर सहित जिलेभर में बिल्डिंग निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्य ठप्प हो गए हैं।

 

लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह एवं प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखबीर सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर रायसेन जिले का पीआईयू विभाग बंद होने की कगार पर खड़ा है। बताया जाता है कि शासकीय भावनो के साथ अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर पीआईयू विभाग की स्थापना तो कराई गई है। परंतु रायसेन जिले का दुर्भाग्य है कि पीआईयू विभाग में तीन सहायक यांत्रियों एवं तीन उप यात्रियों की कमी के चलते विभाग अपनी उपयोगिता को सिद्ध करने में पूरी तरह से नाकामयाब हो चुका है। जबकि पीआईयू विभाग में दो अनुभवी सहायक यांत्रियों के स्थानांतरण जानबूझकर कर दिए गए। जिसकी पदपूर्ति 6 माह के बाद भी नहीं हो पा रही है । प्रदेश की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा शासकीय विभागों के भवनो के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता के निर्देश तो दिए गए हैं ।परंतु टेक्निकल विभाग में शुमार संभागीय परियोजना यंत्री कार्यालय का संचालन तो हो रहा है। परंतु कार्यपालन यंत्री के रूप में पदस्थ अरविंद पाठक अपने विभाग में पदस्थ दो उपयात्रियों के भरोसे कार्य को संचालित करने को मजबूर हैं। इन दो उपयांत्रियों को कार्य का कोई अनुभव न होने के कारण जिला मुख्यालय पर एसडीएम और तहसील कार्यालय संयुक्त रूप से निर्माण कार्य तो हो रहे हैं ।उनकी गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह जरूर दिखाई दे रहे हैं ।वहीं औबेदुल्लागंज सिलवानी उदयपुरा बरेली,देवरी में शासकीय भावनाओं के निर्माण कार्य संचालित तो हो रहे हैं ।परंतु उनकी देखरेख और मॉनिटरिंग का कार्य कौन करें ।जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चा जोरों पर हैं लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह के द्वारा रायसेन जिले के पीआईयू विभाग का आकलन किए बगैर जून माह में सहायक यंत्री अमोघ दुराफे का स्थानांतरण रायसेन जिले से होशंगाबाद लोक निर्माण विभाग में कर दिया गया । उनके स्थान पर आज दिनांक तक किसी भी सहायक यंत्री की पदस्थापना नहीं की गई । मजेदार बात तो यह है कि फरवरी माह में सहायक यंत्री के रूप में पीआईयू विभाग में कार्यरत अनुराग यादव को पीआईयू विभाग रायसेन से अतिरिक्त प्रभार भोपाल निर्माण भवन में प्रदान कर दिया गया ।जिससे अब सहायक यंत्री अनुराग यादव भोपाल निर्माण भवन में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं और उनको पीआईयू विभाग रायसेन से कोई वास्ता नहीं रहा। और मजबूरी में कार्यपालन यंत्री अरविंद पाठक रायसेन जिले का प्रभार लेकर पूरी तरह से फंस चुके हैं। और ले देकर पीआईयू विभाग के निर्माण कार्य भगवान भरोसे संचालित हो रहे हैं ।क्योंकि निर्माण कार्यों की औपचारिकता को निभाने का कार्य सूर्य प्रकाश कुशवाहा एवं कृपाल यादव को जिम्मेदारी तो सौंपी गई है।लेकिन इस जिम्मेदारी को निभाने में यह दो उप यंत्री पूरी तरह से नाकामयाब हो चुके हैं ।जबकि कार्यपालन यंत्री अरविंद पाठक के द्वारा सहायक यंत्रियों की कमी को पूरा करने के लिए प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखवीर सिंह चौहान अभियंता निर्माण भवन के श्री बघेल को कई बार पत्र लिख चुके हैं। परंतु पीआईयू विभाग के सहायक यंत्री एवं उपयांत्रियों की कमी को पूरा नहीं हो सकी।जिससे मजबूरी में जिले का टेक्निकल विभाग पीआईयू मात्र दो उपयात्रियों एवं एक कार्यपालन यंत्री के भरोसे संचालित तो हो रहा है। ऐसे में पीआईयू विभाग के भवन निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर एक प्रश्न चिह्न जरूर लगता हुआ दिखाई दे रहा है।जिस कारण मध्य प्रदेश शासन एवं लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह एवं प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह चौहान की कहीं ना कहीं विसंगतियां सामने दिखाई दे रही है ।जिसको लेकर जिले में जनचर्चा है कि ऐसे ही हालत संचालित होते रहे तो जिले का पीआईयू विभाग बंद होने की कगार पर खड़ा। जिसका जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग को प्रमुख सचिव एवं वरिष्ठ अभियंताओं को जाता है। जो सब कुछ जानकर भी अनजान भूमिका का निर्वाहन कर रहे हैं ।बहरहाल अब देखना यह है कि पीआईयू विभाग में सहायक यात्रियों और उपयंत्रियों की पदस्थापना होती है। या जिले का पीआईयू विभाग बंद होता है इसकी चर्चाएं जोरो शहर के चौक चौपालों सर्वजनिक चौराहे पर चल रही है।

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