जिलाधिकारी ने की जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक, लापरवाही पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-चायल, कड़ा, नेवादा, सरसवा व सिराथू के बी.सी.पी.एम., स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व सहायक शोध अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश
News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशाम्बी: जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने आज उदयन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की।
बैठक में जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों एवं आशाओं के भुगतान की प्रगति की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कहा कि भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाय तथा नियमित रूप से आशाओं के साथ बैठक कार्यों की समीक्षा की जाय। उन्होंने ठीक प्रकार से कार्य न करने वाली आशा के विरुद्ध कार्यवाही में लापरवाही पर प्रभारी चिकित्साधिकारी,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,कड़ा को कारण बताओं नोटिस जारी करने एवं बी.सी.पी.एम. कड़ा का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कहा कि ए.एन.सी. रजिस्ट्रेशन के साथ ही शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का ए.एन.सी. चेकअप सुनिश्चित किया जाय तथा पोर्टल पर फीडिंग भी किया जाय। उन्होंने ए.एन.सी. चेकअप में लापरवाही पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-चायल, कड़ा,नेवादा,सरसवा व सिराथू के बी.सी.पी.एम.,स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व सहायक शोध अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को ड्यूलिस्ट की मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वी.एच.एस.एन.डी. सेशन के कार्य में लापरवाही बरतने वाले सभी सी.एच.ओ. का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि शत- प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित कराई जाय तथा यह भी सुनिश्चित किया जाय कि आशाओं के पास एच.बी.एन.सी. कीट एवं एच.बी.वाई.सी. कीट उपलब्ध रहे। उन्होंने रोगी कल्याण समिति से कार्यों को कराए जाने में लापरवाही पर सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बाल मृत्यु सूचना की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि बाल मृत्यु व मातृ मृत्यु पर गहराई से अध्ययन किया जाय कि किस कारण से मृत्यु हुई है तथा इसे कैसे रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि स्टॉप नर्स को प्रशिक्षण दिलाया जाय तथा सैम व मेम बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाय।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद राम त्रिपाठी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. हरिओम एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।